Prime Minister Narendra Modi speaks during the National Democratic Alliance Parliamentary Party Meeting, Central Hall, Old Parliament Building, in New Delhi, Friday, June 07, 2024.(IANS/Video Grab)
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- '4 जून को ईवीएम ने उनको चुप कर दिया'
- 'हर तीसरे दिन चुनाव आयोग के काम में रुकावट पैदा किया'
- 'ये लोग मन से पिछली शताब्दी की सोच वाले लोग हैं'
- 'ये दुनिया में जाकर बता रहे हैं कि भारत में डेमोक्रेसी नहीं है'
- हम ना तो हारे थे, ना ही हारे हैंः पीएम
- '10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई'
- ईवीएम पर टिप्पणी को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
नई दिल्लीः एनडीए की बैठक में संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ईवीएम का मुद्दा छेड़ा और विपक्षी दलों पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे तो लगता था कि इस बार ये लोग ईवीएम की अर्थी जुलूस निकालेंगे, लेकिन 4 जून की शाम आते-आते उनके मुंह पर ताले लग गए, ईवीएम ने उनको चुप कर दिया।
पुराने संसद भवन में शुक्रवार को एनडीए की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि 4 जून को चुनाव के नतीजे आ रहे थे, मैं अपने कुछ काम में व्यस्त था। बाद में मुझे फोन आने लगे। मैंने किसी को पूछा कि आंकड़े तो ठीक हैं। मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया।
'4 जून को ईवीएम ने उनको चुप कर दिया'
प्रधानमंत्री ने कहा, 4 जून के पहले ये लोग (इंडी गठबंधन) ईवीएम को लगातार गाली दे रहे थे और ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र की प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास ही उठ जाए। लेकिन 4 जून की शाम आते-आते उनके मुंह पर ताले लग गए, ईवीएम ने उनको चुप कर दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है। ये भारत की निष्पक्षता की ताकत है। पीएन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मुझे 5 साल तक ईवीएम के बारे में सुनने को नहीं मिलेगा। लेकिन जब हम 2029 में जाएंगे, तो शायद वे फिर से ईवीएम के बारे में बात करेंगे... देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
'हर तीसरे दिन चुनाव आयोग के काम में रुकावट पैदा किया'
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैंने चुनाव के समय पहली बार देखा है, शायद हर तीसरे दिन चुनाव आयोग के काम में रुकावट आए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए गए। इस काम में एक ही टोली थी। सुप्रीम कोर्ट के जरिए कैसे रुकावट डाले, इसका वे निरंतर प्रयास करते रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग की ताकत का एक बड़ा हिस्सा अदालतों में लगा वह भी चुनाव के पीक आवर्स में। यानी कितनी निराशा लेकर के यह लोग मैदान में आए थे।
'ये लोग मन से पिछली शताब्दी की सोच वाले लोग हैं'
उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन वाले ईवीएम का विरोध करते हैं, मैं इसे सिर्फ चुनाव के रूप में नहीं देखता हूं। मैं मानता हूं ये लोग मन से पिछली शताब्दी की सोच वाले लोग हैं। वह टेक्नोलॉजी को महत्व नहीं देते हैं और न इसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ ईवीएम में ही दिखाई दिया है, यूपीआई में दिखा। हमने कहा कि हिंदुस्तान के लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन करेंगे। फिनटेक की दुनिया में आज हिंदुस्तान का नाम हो गया। ये मानने को तैयार नहीं हैं। आधार आज देश की एक पहचान बना है। कई देश कहते हैं कि हमें भी आधार की पद्धति से आगे बढ़ना है, आप कैसे मदद कर सकते हैं। उस आधार को लेकर बार-बार सुप्रीम कोर्ट में जाकर परेशानी पैदा की। इंडी गठबंधन के लोग प्रगति, आधुनिकता, टेकनोलॉजी के विरोधी हैं।
'ये दुनिया में जाकर बता रहे हैं कि भारत में डेमोक्रेसी नहीं है'
प्रधानमंत्री ने आगे जिक्र किया कि मैं दुनिया में ढोल पीट रहा हूं कि हम मदर ऑफ डेमोक्रेसी हैं और ये दुनिया में जाकर बता रहे हैं कि डेमोक्रेसी नहीं है, मोदी आकर बैठ गए हैं, एक चाय वाला यहां पर कैसे पहुंच गया। कुछ तो गड़बड़ की होगी। इनका चुनाव प्रक्रिया के प्रति भारत के लोगों पर अविश्वास पैदा करने का षड्यंत्र है। मैं मानता हूं कि अब दुनिया भी भारत के लोकतंत्र की विविधता, विशालता, व्यापकता और गहनता सबको जानने और समझने के लिए आकर्षित होगी। ऐसे में इस बार के चुनाव के नतीजे देख रहा हूं।
हम ना तो हारे थे, ना ही हारे हैंः पीएम
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद दो दिनों तक कुछ लोगों ने ऐसा माहौल बनाया कि हम लोग हार गए। लेकिन, देशवासी जानते हैं कि हम ना तो हारे थे, ना ही हारे हैं। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि विजय से उन्माद पैदा नहीं होता और हम पराजय का उपहास भी नहीं करते हैं।
'10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के नतीजों पर कहा कि आप किसी भी बालक से पूछिए कि लोकसभा चुनाव के पहले किसकी सरकार थी तो वह कहेगा कि एनडीए और लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी एनडीए की सरकार बनी। तो हम हारे कहां से। प्रधानमंत्री ने कहा- पहले भी एनडीए की सरकार थी आज भी एनडीए की है और कल भी एनडीए की सरकार रहेगी। 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई। अगर मैं कांग्रेस के 2014, 2019, और 2024 चुनाव को जोड़ों तो इन तीनों चुनावों में जितनी सीटें मिली हैं उससे अधिक हमें इसमें मिला है।"
सरकार चलाने के लिए बहुमत की जरूरत होती है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी आशाओं और इच्छाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ूंगा...मेरे लिए यह जन्म सिर्फ और सिर्फ, वन लाइफ वन मिशन है और वो है मेरी भारत माता। यह मिशन है 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए खप जाना...।
ईवीएम पर टिप्पणी को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
पीएम नरेंद्र मोदी के ईवीएम को लेकर इंडिया गुट पर निशाना साधने के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उनपर पलटवार किया। उन्होंने पीएम मोदी की टिप्पणी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि हम निश्चित रूप से इसका जवाब देंगे। शिवकुमार ने कहा कि हम बहुत सारे सबूत इकट्ठा करने की कोशिश की प्रक्रिया में हैं। हम सबूत इकट्ठा करेंगे और आपके पास वापस आएंगे।
शुक्रवार को एनडीएन की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया। इसके बाद एनडीए के नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र मोदी रविवार 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं हैं, जो 2019 के 303 के मुकाबले काफी कम है। वहीं, कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर काफी बढ़त हासिल की। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 293 सीटें हासिल कीं, जबकि भारत ब्लॉक ने 230 का आंकड़ा पार किया।
--आईएएनएस इनपुट के साथ