नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संबोधन दे रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर 'सबका साथ, सबका विकास' को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि हमारे गवर्नेंस का आधार 'सबका साथ, सबका विकास' है।
पीएम मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं का आदर करना चाहिए था, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए थी। लेकिन, कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद ही संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थीं।
आजादी के बाद जब देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी और चुनाव तक के लिए स्टॉप-गैप अरेंजमेंट था, तो उस स्टॉप-गैप अरेंजमेंट में जो महाशय बैठे थे, उन्होंने आते ही संविधान में संशोधन कर दिया। चुनी हुई सरकार आने तक का भी इंतजार नहीं किया। उन्होंने 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' को कुचला, अखबारों पर, प्रेस पर लगाम लगा दी और दुनिया में डेमोक्रेट का टैग लगाकर घूमते रहे।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था। नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, पहली सरकार थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई।
मजरूह सुल्तानपुरी, बलराज साहनी पर क्या बोले पीएम मोदी?
उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता गाई थी, 'कॉमनवेल्थ का दास है', इसके जुर्म में नेहरू जी ने देश के महान कवि को जेल भेज दिया। मशहूर एक्टर बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। लता मंगेशकर जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर जी ने वीर सावरकर पर एक कविता लिखी थी और उसे आकाशवाणी पर गाना चाहते थे। उन पर आकाशवाणी से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।
अपने संबोधन में यूसीसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जो लोग समान नागरिक संहिता पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि हम सिर्फ अपने संविधान निर्माताओं के बताए रास्ते पर चल रहे हैं। कांग्रेस ने हमारे संविधान के काम और भावनाओं को नष्ट कर दिया है।
इमरजेंसी पर क्या बोले पीएम?
उन्होंने आगे कहा कि देश ने इमरजेंसी का भी दौर देखा है। देव आनंद जी से आग्रह किया गया कि वह इमरजेंसी का समर्थन करें, लेकिन उन्होंने साफ-साफ इनकार कर दिया। इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया। ये संविधान की बातें करने वाले लोगों ने सालों से उसे अपनी जेब में रखा है। किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया, इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर उनके गानों को बैन कर दिया गया। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडीस समेत देश के महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थी, जंजीरें पहनाई गई थीं। देश के गणमान्य लोगों को जंजीरों से बांधा गया था। उनके मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता है। शाही परिवार के अहंकार के लिए इस देश को जेलखाना बना दिया गया। जिसने निकलने के लिए बहुत लंबा संघर्ष चला।
एससी/एसटी एक्ट को बनाया मजबूत
हमने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया। जातिवाद का जहर फैलाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन, 3-3 दशक तक दोनों सदन के ओबीसी सांसद ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करते थे, लेकिन इसे नहीं माना गया। उस समय उनकी राजनीति को यह सूट नहीं करता था। हमने ओबीसी समाज की इस मांग को पूरा किया।
उन्होंने कहा कि देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया है तो समस्या का समाधान करने का प्रयास नहीं किया गया। तनाव और दुश्मनी पैदा करने के तरीके अपनाए गए। लेकिन, हमारी सरकार ने पहली बार ऐसा मॉडल दिया, जिसमें समाधान ढूंढा गया।
हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। बिना किसी तनाव और बिना किसी से छीने दिया। जब हमने ऐसा किया तो एससी/एसटी और ओबीसी समुदाय ने इसका स्वागत किया और किसी के भी पेट में दर्द नहीं हुआ।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के मॉडल में 'फैमिली फर्स्ट' सर्वोपरि है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर क्या बोल पीएम मोदी?
देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई। राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सब के लिए भविष्य का मार्गदर्शक भी था। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यहां 'सबका साथ, सबका विकास' के बारे में बहुत कुछ कहा गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य मानवी का आत्मविश्वास, विकसित भारत का संकल्प जैसे सभी विषयों की विस्तार से चर्चा की थी।
मुझे समझ में नहीं आता कि लोग इस पर क्यों परेशान हो रहे हैं। यह सबकी साझा जिम्मेदारी है और भारत के लोगों ने हमें इसी के लिए चुना है। हालांकि, कांग्रेस से यह उम्मीद करना कि वह इस नारे को समझेगी और यह कैसे काम करता है, एक बड़ी भूल होगी।
पूरी पार्टी सिर्फ़ एक परिवार के लिए समर्पित है और इसलिए उनके लिए 'सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श वाक्य के साथ काम करना असंभव है। उन्होंने कहा कि यहां पर 'सबका साथ, सबका विकास' पर बहुत कुछ कहा गया।
कांग्रेस पर परिवारवाद का लगाया आरोप
'सबका साथ, सबका विकास' तो हम सबका दायित्व है। इसलिए देश ने हम सबको यहां बैठने का अवसर दिया है। कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के मॉडल में परिवार को प्राथमिकता देना चिंता का विषय है।
इसलिए उनकी नीतियां, कामकाज, भाषण - सभी इसी को सुनिश्चित करने पर केंद्रित रहे हैं। मैं देश के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने हमें तीसरी बार सेवा करने के लिए चुना। भारत के लोगों ने हमारी प्रगति की नीति को परखा है और हमें अपने वादों को पूरा करते हुए देखा है।
हमने लगातार 'राष्ट्र प्रथम' के आदर्श के साथ काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस से 'सबका साथ, सबका विकास' की अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती होगी। ये उनकी सोच-समझ के बाहर है और उनके रोडमैप में भी ये शूट नहीं करता। क्योंकि जब इतना बड़ा दल, एक परिवार को समर्पित हो गया है, तो उसके लिए 'सबका साथ, सबका विकास' संभव ही नहीं है।
कांग्रेस ने तैयार किया झूठ,फरेब का मॉडल
कांग्रेस ने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार किया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण आदि का घालमेल था। कांग्रेस के मॉडल में 'फैमिली फर्स्ट' ही सर्वोपरि है। इसलिए, उनकी नीति-रीति, वाणी-वर्तन उस एक चीज को संभालने में ही खपता रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो। हमने संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाया है। हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि योजनाएं बिना किसी गड़बड़ी के लाभार्थियों तक पहुंचे। पिछले दशक में हमने 'सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श के साथ काम किया है और इसके परिणाम सामने आए हैं।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)