नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश की प्रशासनिक व्यवस्था ब्रिटिश काल के बने पुराने भवनों से संचालित हो रही थी, जिनमें पर्याप्त प्रकाश, वेंटिलेशन और स्थान तक की कमी थी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार के करीब 50 मंत्रालय दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में किराए की इमारतों में चल रहे हैं, जिन पर हर साल करीब 1,500 करोड़ रुपये खर्च हो रहे थे। पीएम मोदी ने कहा, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि गृह मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग 100 साल पुरानी एक असुविधाजनक इमारत से संचालित हो रहा था?

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भवन सिर्फ एक ढांचा नहीं, बल्कि "विकसित भारत" का बीज है। आने वाले दशकों में इसी भवन से देश की दिशा तय होगी। उन्होंने इसे "कर्तव्य भाव की प्रतीक" बताया और सरकारी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे नई सोच के साथ कार्य करें।

पीएम मोदी ने कहा, "काफी विचार-विमर्श के बाद हमने इस भवन का नाम 'कर्तव्य भवन' रखा है। 'कर्तव्य पथ' और 'कर्तव्य भवन' हमारे लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना को प्रतिबिंबित करते हैं। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है, 'हमें क्या प्राप्त करना है और क्या प्राप्त नहीं करना है, इस सोच से ऊपर उठकर कर्तव्य भाव से कर्म करना चाहिए।' कर्तव्य भारतीय संस्कृति में ये शब्द दायित्व तक सीमित नहीं है बल्कि कर्तव्य हमारे देश की कर्मप्रधान दर्शन की मूल भावना है। 'कर्तव्य ही आरंभ है, कर्तव्य ही प्रारब्ध है' करुणा और कर्मठता के स्नेह सूत्र में बंद कर्म वही तो कर्तव्य है। सपनों का साथ है कर्तव्य, संकल्पों की आस है कर्तव्य। परिश्रम की पराकाष्ठा है कर्तव्य, हर जीवन में ज्योत जल दे, वो इच्छा शक्ति है कर्तव्य।"

पीएम मोदी ने कहा, "आजादी के बाद दशकों तक देश की प्रशासनिक मशीनरी ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में बनी इमारतों से चलती रही। आप भी जानते हैं कि दशकों पुराने इन प्रशासनिक भवनों की हालत कितनी खराब थी।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य भवन की खासियतों के बारे में जिक्र करते हुए कहा, "यह पहला कर्तव्य भवन है, जो बनकर तैयार हुआ है। कई और कर्तव्य भवनों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जब ये कार्यालय पास में स्थानांतरित हो जाएंगे, तो कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य वातावरण और सुविधा उपलब्ध होगी। आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, कुल कार्य क्षमता बढ़ेगी और सरकार को किराए पर खर्च होने वाले 1,500 करोड़ की बचत भी होगी।"

उन्होंने आगे कहा, "कर्तव्य भवन की छत पर सौर पैनल लगाए गए हैं और भवन में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक उन्नत प्रणाली को एकीकृत किया गया है। हरित भवनों का विजन अब पूरे भारत में फैल रहा है। भव्य कर्तव्य भवन, ये नई परियोजनाएं, नए रक्षा परिसर और देश भर में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं न केवल प्रगति के प्रतीक हैं बल्कि ये भारत के वैश्विक दृष्टिकोण का भी प्रतिबिंब हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "एक ओर जहां भारत मंडपम का निर्माण किया गया है, वहीं देश भर में 1,300 से अधिक अमृत भारत रेलवे स्टेशन भी विकसित किए जा रहे हैं। यशोभूमि की भव्यता पिछले 11 वर्षों में निर्मित 90 नए हवाई अड्डों में भी परिलक्षित होती है। महात्मा गांधी कहते थे कि अधिकार और कर्तव्य का गहरा संबंध है। सरकार प्रशासन और जनता के बीच संबंधों को मजबूत करने, जीवन को आसान बनाने, वंचितों को प्राथमिकता देने, महिलाओं को सशक्त बनाने और शासन की दक्षता बढ़ाने के लिए लगातार नए तरीकों से काम कर रही है। हमें इस बात पर गर्व है कि पिछले ग्यारह वर्षों में देश ने एक पारदर्शी, संवेदनशील और नागरिक-केंद्रित शासन प्रणाली विकसित की है।"

10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों की पहचान, 4.3 लाख करोड़ रुपये की बचत

पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा की गई ‘सबसे बड़ी लाभार्थी धोखाधड़ी’ पर भी निशाना साधा। उन्होंने जेएएम ट्रिनिटी – जनधन, आधार और मोबाइल के माध्यम से चलाई गई क्लीन-अप ड्राइव का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 10 करोड़ से अधिक फर्जी लाभार्थियों की पहचान की जा चुकी है, जिससे 4.3 लाख करोड़ रुपये की सरकारी धन की बचत हुई है।

उन्होंने कहा कि फर्जी नामों से बनाए गए राशन कार्ड, एलपीजी सब्सिडी और छात्रवृत्तियों जैसी योजनाओं के जरिए बिचौलियों ने सालों तक सरकारी धन की लूट की। लेकिन अब JAM के जरिए वास्तविक लाभार्थियों तक पैसा सीधे पहुंचाया जा रहा है।  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि  कल्पना कीजिए कि कितना बड़ा घोटाला चल रहा था। आज वही पैसा देश के विकास में लग रहा है।

प्रशासनिक सुधार और दक्षता में वृद्धि

पीएम मोदी ने बताया कि प्रशासनिक ढांचे को अधिक कुशल और तकनीक-सक्षम बनाने के लिए सरकार ने कई पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया है। अब तक 1,500 से अधिक पुराने कानून रद्द किए गए हैं और 40,000 से अधिक अनुपालनों को सरल किया गया है।

इसके साथ ही, सरकार ने मंत्रालयों का पुनर्गठन, दोहराव वाले कार्यों का अंत और जल शक्ति मंत्रालय व मत्स्य पालन मंत्रालय जैसे नए विभागों की स्थापना की है। इसके अलावा मिशन कर्मयोगी जैसी योजनाओं से सरकारी अधिकारियों को तकनीकी रूप से सशक्त किया जा रहा है। पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को म्यूजियम में बदल दिया जाएगा, जो भारत की प्रशासनिक यात्रा को दर्शाएंगे।