कोलंबो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के दौरे के बाद तीन दिनों के श्रीलंका के दौरे पर पहुंच चुके हैं। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में पीएम मोदी का ग्रैंड तरीके से स्वागत किया गया। शनिवार सुबह पीएम मोदी का श्रीलंका में औपचारिक स्वागत किया गया और उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यह 2019 के बाद उनकी पहली श्रीलंका यात्रा है और 2015 से अब तक चौथी। इसके पहले शुक्रवार शाम को जब पीएम मोदी श्रीलंका पहुंचे तो श्रीलंका सरकार के पांच मंत्री अगवानी के लिए पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर भारी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग भी मौजूद थे और वो लोग लगातार मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे।
कोलंबो में पीएम मोदी का किया भव्य स्वागत
सैकड़ों स्थानीय लोगों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने भारी बारिश के बावजूद शनिवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोलंबो में भव्य स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर पीएम मोदी बैंकॉक से राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं। श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिसा, श्रम मंत्री अनिल जयंता, मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर, महिला एवं बाल मामलों की मंत्री सरोजा सावित्री पॉलराज और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री क्रिशांथा अबेसेना सहित दिसानायके मंत्रिमंडल के शीर्ष मंत्रियों ने कोलंबो के भंडारनायके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इस दौरान श्रीलंका की राजधानी में भारी बारिश के बीच लोग हवाई अड्डे के बाहर और होटल में पीएम मोदी की एक झलक के लिए इंतजार करते रहे।
भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग पर समझौता
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग पर समझौता होने की भी उम्मीद है। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ चर्चा करेंगे और श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अपनाए गए 'साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देने' के संयुक्त दृष्टिकोण में सहमत सहयोग के क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे।प्रधानमंत्री वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे।
दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा संपर्क, डिजिटलीकरण, रक्षा, स्वास्थ्य और बहुक्षेत्रीय अनुदान सहायता से संबंधित कई समझौतों का आदान-प्रदान भी होगा। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को भारतीय वित्तीय सहायता से क्रियान्वित विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए दिसानायके के साथ अनुराधापुरा की यात्रा करने से पहले देश के अन्य राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
अनुराधापुरा में दोनों नेता ऐतिहासिक जया श्री महाबोधि मंदिर परिसर में श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान इस मंदिर का दौरा भी किया था, जिसका भारत-श्रीलंका सभ्यतागत साझेदारी में विशेष महत्व है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद 2019 में फिर से श्रीलंका का दौरा किया। अपनी चर्चाओं के दौरान दोनों नेता मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें भारतीय मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन भी शामिल है।
भारत सरकार का कहना है कि उसने भारतीय मछुआरों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को "सर्वोच्च प्राथमिकता" दी है और वह द्विपक्षीय तंत्रों, राजनयिक चैनलों और विभिन्न आधिकारिक बातचीत के माध्यम से इन मुद्दों को लगातार उठा रही है, जिसमें 16 दिसंबर 2024 को श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री की हालिया बैठक भी शामिल है। भारत ने श्रीलंका सरकार से बार-बार अनुरोध किया है कि वह मछुआरों के मुद्दे को मानवीय और आजीविका से संबंधित मुद्दे के रूप में देखे तथा किसी भी परिस्थिति में बल प्रयोग न करे।