वोट बैंक नहीं, बराबरी का भागीदार बना रहे हैं पीएम मोदी: सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सरकार की जो भी गवर्नेंस होती है, वह पूरे देशवासियों के लिए होती है। वह किसी धर्म, जाति या विशेष व्यक्ति के लिए नहीं होती है।

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती, नरेंद्र मोदी, मुस्लिम वोट बैंक

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती। Photograph: (IANS)

अजमेरः अजमेर दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने रविवार को कहा कि पिछली सरकारों में मुसलमान एक वोट बैंक थे। उनके उत्थान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें होती थीं, लेकिन कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट बैंक की राजनीति का खात्मा किया। 

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 11 साल पूरे होने पर एनडीए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि पहले दिन से ही पीएम मोदी का विजन बहुत स्पष्ट था। 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' और जिस विजन को लेकर वह चले थे, मेरा मानना है कि पीएम मोदी ने पूरी तरह और सही रूप में उसे पूरा किया है। पूरे देश में जो भी विकास की गंगा बह रही है, उसमें सबको मौका बराबर का मिला है। सबका विकास हुआ है और पूरे देशवासियों का विश्वास मोदी जी में बढ़ा है।

देश का मुसलमान पीएम मोदी के साथ हैः चिश्ती

उन्होंने बताया कि 11 साल पहले एक नैरेटिव था कि बीजेपी आएगी तो ऐसा होगा, वैसा होगा। तो वह काफी हद तक आज उससे विपरीत स्थिति है और देश का मुसलमान प्रधानमंत्री जी के साथ है। देश के मुसलमान का विश्वास प्रधानमंत्री जी में है, भारत सरकार में है और भारत सरकार भी पूरी तरह से देश के मुसलमानों को साथ लेकर चल रही है। जो भी योजनाएं आती हैं भारत सरकार की, वे बिना जाति-धर्म के आती हैं और देशवासियों के लिए आती हैं। उसमें सभी लाभ उठाते हैं। उसमें सभी मजहब के लोग आते हैं। इसलिए भारत के प्रधानमंत्री जी में सबका विश्वास बढ़ा है।

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सरकार की जो भी गवर्नेंस होती है, वह पूरे देशवासियों के लिए होती है। वह किसी धर्म, जाति या विशेष व्यक्ति के लिए नहीं होती है। भारत सरकार की जितनी योजनाएं हैं, जितने लाभ में, चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो, चाहे राशन वितरण हो, चाहे अन्य कोई विकास के मामले हों, उसका पूरी तरह से सबने लाभ उठाया है और घर-घर एक-एक व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंच रहा है। भारत के नागरिक तक पहुंच रहा है। न हिंदू, न मुसलमान, न ईसाई, सभी देशवासियों को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि हम लोग यही कहते आए हैं, देश में मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक न समझा जाए। आज पिछले 50 साल में मुसलमानों को एक वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया था। उनके उत्थान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें होती थीं लेकिन कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जाता था। जमीनी स्तर पर न तो वह कोई चीज नजर आती थी। मोदी सरकार ने विशेष तौर पर माइनॉरिटी, जिसमें मुसलमान भी आते हैं, उनके लिए कई योजनाएं चलाई हैं और खास तौर पर उन्होंने मुसलमानों के उत्थान के लिए हमेशा अपनी बात सार्वजनिक तौर पर जनता के सामने रखी है कि मुस्लिम महिलाओं का विकास हो, मुस्लिम बच्चों का विकास हो, एक हाथ में कुरान हो तो एक हाथ में कंप्यूटर हो। इस मिशन को लेकर पीएम मोदी चले हैं और पूरा यकीन है कि मुसलमानों को वोट बैंक की जो राजनीति है, उससे बाहर निकाला है।

 

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