नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात की। शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वह इस स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्ला से बातचीत की और उन्हें देश की ओर से शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए तस्वीर में शुक्ला और प्रधानमंत्री मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से संवाद करते दिखाई दिए। वहीं, प्रधानमंत्री ने इस बातचीत का वीडियो अपने एक्स हैंडल से शेयर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “शुक्ला ने सिर्फ अंतरिक्ष नहीं छुआ है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के सपनों को नई ऊंचाई दी है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष से जुड़े भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से संवाद करते हुए कहा, "आप इस समय भारत से सबसे दूर हैं, लेकिन हर भारतीय के दिल के सबसे करीब हैं।"
प्रधानमंत्री ने शुक्ला के नाम का उल्लेख करते हुए कहा, “आपके नाम में ही ‘शुभ’ है और आपकी यह अंतरिक्ष यात्रा भारत के युवाओं के लिए एक ‘शुभ आरंभ’ है—एक नए युग की शुरुआत।” शुभांशु ने कहा कि यह सिर्फ मेरी यात्रा नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की भी यात्रा है, मुझे भारत का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व है।
I had a wonderful conversation with Group Captain Shubhanshu Shukla as he shared his experiences from the International Space Station. Watch the special interaction! https://t.co/MoMR5ozRRA
— Narendra Modi (@narendramodi) June 28, 2025
भारत सच में बहुत भव्य दिखता हैः शुभांशु
प्रधानमंत्री ने अपनी बातचीत में कहा कि हर भारतीय देख रहा है कि शुभांशु शुक्ला कितने 'डाउन टू अर्थ' हैं। उन्होंने शुभांशु से पूछा कि अंतरिक्ष की विशालता देखकर पहला ख्याल क्या आया? इसके जवाब में भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि अंतरिक्ष से कोई सीमा दिखाई नहीं देती, हम भारत को मैप पर देखते हैं, भारत सच में बहुत भव्य दिखता है।
शुभांशु ने बताया कि उन्होंने अपने पैर बांध रखे हैं क्योंकि वहां जीरो गुरुत्वाकर्षण है। चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में सोना बहुत बड़ी चुनौती है। पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान की सफलता के बाद देशभर के बच्चों में अंतरिक्ष को एक्सप्लोर करने का जज्बा बढ़ा है और शुभांशु की यात्रा बच्चों को जज्बा देती है।
प्रधानमंत्री के आग्रह पर देश की युवा पीढ़ी के लिए संदेश में शुभांशु ने कहा, "हमने बड़े सपने देखे हैं, उन्हें पूरा करने के लिए कहूंगा कि सफलता का कोई एक रास्ता नहीं होता। इसलिए, कभी प्रयास करना मत छोड़िए, सफलता जरूर मिलेगी।"
अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश के सपने के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने शुभांशु से कहा कि हमें अपना स्टेशन बनाना है और चंद्रमा पर एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग करानी है, इसके लिए आपका यह अनुभव काफी काम आएगा। जवाब में शुभांशु ने कहा कि हर बात का वह बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं।
गाजर के हलवे का जिक्र
बातचीत के दौरान एक हल्का-फुल्का पल भी आया, जब प्रधानमंत्री ने मुस्कराते हुए पूछा, “क्या आपने और आपके साथियों ने ‘गाजर का हलवा’ खाया?” शुक्ला ने हँसते हुए जवाब दिया कि उन्होंने हलवे के साथ-साथ अन्य मिठाइयाँ भी अंतरिक्ष में स्वाद लेकर खाईं। यह सुनकर दोनों ओर से हंसी का साझा पल देखने को मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने जब पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने भावुक होते हुए जवाब दिया, “भारत अंतरिक्ष से और भी भव्य और विशाल नजर आता है, जितना वह मानचित्र में दिखता है।”
शुभांशु ने बातचीत में 'माइंडफुलनेस' यानी मानसिक सजगता की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम यहां कई तनावपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हैं, लेकिन मानसिक संतुलन हमें शांत रखने में मदद करता है। अगर आप शांत रहते हैं, तो बेहतर फैसले ले सकते हैं।”
अंत में, देश के युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा, “अगर आप अपने भविष्य को सही ढंग से गढ़ेंगे, तो देश का भविष्य भी उज्ज्वल होगा। और एक बात हमेशा याद रखें- ‘आसमान कभी सीमा नहीं होता’ न आपके लिए, न मेरे लिए, और न ही भारत के लिए।”
मिशन पायलट के रूप में सेवा दे रहे शुभांशु शुक्ला के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के सावोस्ज उज्नांस्की और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल हैं। भारत के लिए यह उपलब्धि 1984 में राकेश शर्मा के ऐतिहासिक मिशन के 41 साल बाद आई है।
अपने स्वागत भाषण में, ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अपने अनुभव का वर्णन करते हुए कहा कि कैमरे पर खड़ा होना आसान लग रहा था, लेकिन उनका सिर थोड़ा भारी महसूस हो रहा था। शुक्ला, जिन्हें आधिकारिक तौर पर स्पेस स्टेशन पिन मिला और वह 634वें अंतरिक्ष यात्री बने हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो सप्ताह रोमांचक रहने वाले हैं।
उन्होंने कहा, "मैं इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा था, और चालक दल ने मेरा इतनी अच्छी तरह से स्वागत किया और हमारे लिए अपने दरवाजे खोल दिए। मैं अब और भी बेहतर महसूस कर रहा हूं और यहां का नजारा तथा मौजूदा चालक दल ने मेरी उम्मीदों को पार कर दिया है। अगले 14 दिन रोमांचक और शानदार होने वाले हैं।" डॉकिंग से पहले कक्षा से भेजे गए एक भावनात्मक संदेश में, शुक्ला ने भारतीयों को "अंतरिक्ष से नमस्कार" कहकर बधाई दी और 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों को अपने कंधों पर उठाने पर गर्व व्यक्त किया।
विज्ञान और अनुसंधान का महत्वाकांक्षी एजेंडा
एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के तहत 'ड्रैगन' अंतरिक्ष यान ने गुरुवार को सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर डॉकिंग की। एक्सिओम-4 टीम ISS पर लगभग 14 दिन बिताएगी, एक्सपेडिशन 73 चालक दल के साथ सहयोग करेगी और 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों व शैक्षिक आउटरीच गतिविधियों का संचालन करेगी – जो अब तक के किसी भी एक्सिओम मिशन का सबसे महत्वाकांक्षी अनुसंधान एजेंडा है। उनका काम अंतरिक्ष चिकित्सा, बायोलॉजी, फ्लूइड डायनामिक्स और मैटेरियल साइंस से संबंधित होंगे, जो दीर्घकालिक अंतरिक्ष यात्राओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
यह मिशन NASA और ISRO के बीच सहयोग की ऐतिहासिक उपलब्धि को दर्शाता है। यह साझेदारी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए उस वादे की पूर्ति है, जिसके तहत पहली बार किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया है।
आईएसएस से अपने पहले संदेश में शुभांशु शुक्ला ने भावुक होते हुए कहा, "यहां होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मेरी जितनी भी अपेक्षाएं थीं, यह अनुभव उनसे कहीं अधिक है-दृश्य तो अद्भुत है ही, लेकिन साथ ही यहां की टीम भी शानदार है।" उन्होंने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले 14 दिन विज्ञान और शोध की दिशा में बेहद रोमांचक और उपयोगी सिद्ध होंगे।"