नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल ने यूएस डिपार्टमंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (DOGE) के इस दावे पर सवाल उठाया कि उसने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर और बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर कैंसिल कर दिए हैं।
एक पोस्ट में संजीव सान्याल ने कहा, 'यह जानना अच्छा लगेगा कि भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए खर्च किए गए 21 मिलियन डॉलर और बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर किसने प्राप्त किए। वहीं, नेपाल में 'फिस्कल फेडरलिज्म' को बेहतर बनाने के लिए 29 मिलियन डॉलर खर्च किए जाने का तो जिक्र ही नहीं किया गया। USAID मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है।'
Would love to find out who received the US$21mn spent to improve "voter turnout in India" and the US$29mn to "strengthening political landscape in Bangladesh"; not to mention the US$29mn spend to improve "fiscal federalism" in Nepal. USAID is the biggest scam in human history. pic.twitter.com/ccVHcnzWSj
— Sanjeev Sanyal (@sanjeevsanyal) February 16, 2025
बीजेपी ने उठाए सवाल
इससे पहले अमित मालवीय ने अमेरिका द्वारा रद्द की गई फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में 'बाहरी हस्तक्षेप' करार दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा, 'वोटर टर्नआउट के लिए $21 मिलियन डॉलर...? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे लाभ होता? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को नहीं!'
ट्रंप प्रशासन इन दिनों फिजूलखर्ची को रोकने में जुटा है। इसके तहत अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग ने मतदान प्रतिशत सुधारने के लिए भारत को दी जाने वाली 21 मिलियन डॉलर (1,82,21,72,100 रुपये) की मदद रोक दी है।
DOGE ने 21 मिलियन की फंडिंग को खत्म करने के बाद एक बयान जारी करते हुए कहा कि ये पैसे अमेरिकी टैक्सपेयर्स के हैं, जिन्हें अलग-अलग मदों के लिए खर्च करने थे, लेकिन इन सभी को रद्द कर दिया गया है... अमेरिका के आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है। बांग्लादेश को भी राजनीतिक माहौल सुधारने के नाम पर 29 मिलियन डॉलर की धनराशि नहीं मिलेगी। नेपाल को भी यूएसएड के तहत 29 मिलियन डॉलर क मदद मिलती थी। मगर अब इस पर भी रोक लगा दी गई है। एलन मस्क के विभाग ने कई अन्य देशों की आर्थिक मदद भी रोक दी है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एलन मस्क के DOGE ने रविवार को घोषणा की कि अमेरिका ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बनाए गए 21 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम में कटौती करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी खर्चे में कटौती के लिए एक नया विभाग बनाया है। DOGE नाम का ये विभाग चुन चुनकर अमेरिकी सरकार के खर्चे में कटौती कर रहा है।
ट्रंप ने टेस्ला के मालिक एलन मस्क को इस विभाग का प्रमुख नियुक्त किया है। एलन मस्क बेहद गंभीरता के साथ दुनिया भर में होने वाले एक एक अमेरिकी खर्चे को चेक कर रहे हैं। और उस पर अपनी सरकार की नीतियों के अनुसार फैसला ले रहे हैं।