पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत 28000 लोगों को मिला इंटर्नशिप ऑफर

पीएम इंटर्नशिप योजना केंद्र सरकार का एक पायलट प्रोजेक्ट है। कॉर्पोरेट मंत्रालय के द्वारा इसका संचालन किया जाता है। इस योजना के तहत चुने गए अभ्यर्थियों को प्रति माह 5 हजार रूपये दिए जाते हैं।

PM Internship Scheme

PM Internship Scheme Photograph: (ग्रोक)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 28000 लोगों को इंटर्नशिप ऑफर मिले हैं। इसके साथ ही 61000 लोगों को अब तक इस योजना के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है। कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने लोक सभा में ये आंकड़े प्रस्तुत किए।

यह प्रधानमंत्री का एक पायलट प्रोजेक्ट है जिसकी शुरुआत बीते साल अक्तूबर में हुई थी। मंत्री के अनुसार, 1,27,000 इंटर्नशिप ऑफर के लिए करीब 6,21,000 आवेदन प्राप्त किए गए थे। इस पायलट प्रोजेक्ट में देश की कई कंपनियां इंटर्नशिप ऑफर करती हैं। 

इस योजना का उद्घाटन दिसंबर 2024 में हुआ और भागीदार कंपनियों ने 60,866 उम्मीदवारों को 82,077 इंटर्नशिप ऑफर की। इसमें से 28000 उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप ऑफर स्वीकार किया। 

पीएम इंटर्नशिप स्कीम का दूसरा दौर शुरू

मंत्री ने कहा कि योजना का दूसरा दौर चल रहा है। इसके तहत कंपनियां पिछले प्रस्तावों के साथ-साथ कुछ नए अवसर भी प्रदान करेंगी। पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत सरकार प्रत्येक इंटर्न को कंपनी में शामिल होने पर 6,000 रुपये का अनुदान देती है। इसके अलावा इंटर्नशिप की पूरी अवधि के दौरान के लिए इंटर्न को 5,000 रुपये की मासिक सहायता भी दी जाती है। यह 12 महीने की इंटर्नशिप होती है। 

इंटर्न की उपस्थिति और अच्छे आचरण से संबंधित कंपनी-विशिष्ट नीतियों के आधार पर भाग लेने वाली कंपनियां अपने कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) फंड से प्रत्येक इंटर्न को 500 रुपये (मासिक) का भुगतान करती हैं। एक बार जब कंपनियां भुगतान कर देती हैं तो सरकार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 4,500 रुपये का अपना हिस्सा जारी करती है। यह योजना कॉर्पोरेट मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है। 

4.38 करोड़ का किया जा चुका भुगतान

मंत्री के अनुसार सरकार ने प्रशिक्षुओं के बैंक खातों में एकमुश्त अनुदान के रूप में 4.38 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसके साथ ही एक महीना पूरा करने वालों को अब तक लगभग 1.3 करोड़ रुपये की मासिक सहायता स्वीकृत की जा चुकी है।

मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि इस योजना का उद्देश्य जॉब दिलाना नहीं है बल्कि अनुभव प्रदान करना है और "इंटर्नशिप के माध्यम यह बताना है कि बाजार में क्या चल रहा है जिससे वे प्रशिक्षित हो सकें।"

इस योजना के पहले चरण सबसे ज्यादा लाभार्थियों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश, असम है। चुने गए उम्मीदवारों को आईओसीएल, मारुति सुजुकी, एनटीपीसी, टाइटन, वेदांता, ओएनजीसी में इंटर्नशिप का ऑफर मिला है। 

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