नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सोमवार को एक मुठभेड़ में तीन संदिग्ध खालिस्तन समर्थक आतंकवादी मारे गए। इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की टीम ने मिलकर अंजाम दिया। अधिकारियों ने घटनास्थल से दो एके-सीरीज की असॉल्ट राइफलें और दो ग्लॉक पिस्तौल बरामद होने की सूचना दी है।

मारे गए इन अपराधियों की पहचान गुरविंदर सिंह (25), वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि (23) और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (18) के तौर पर हुई है। यह सभी पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले थे। पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ पूरनपुर इलाके में हुई।

यूपी पुलिस ने पीलीभीत मुठभेड़ पर क्या जानकारी दी है?

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पीलीभीत के एसपी अविनाश पाण्डेय ने कहा, 'पंजाब पुलिस की एक टीम ने पूरनपुर पुलिस स्टेशन के SHO से संपर्क किया और बताया कि पंजाब के कुछ आतंकवादी पूरनपुर इलाके में छिपे हुए हैं। इन पर पुलिस चौकी पर हमला करने का आरोप है। इसके बाद इस बारे में मुझे तत्काल सूचित किया गया और हमने एक गहन तलाशी अभियान शुरू किया। जिले के सभी मार्गों पर नाकेबंदी कर दी गई।'

अविनाश पाण्डेय के अनुसार, 'खमरिया पॉइंट पर एक पुलिस पिकेट टीम ने एक बाइक पर तीन संदिग्धों के बारे में जानकारी साझा की। इसके बाद तुरंत पीलीभीत और पंजाब पुलिस की एक संयुक्त टीम ने उनका पीछा किया। बाइक पर सवार संदिग्धों ने पुलिस टीम पर गोलीबारी की, और जवाबी कार्रवाई में पुलिस अधिकारियों ने भी गोलीबारी की। उन पर गोली चलाई। संदिग्धों को गोली लगी और हमारे द्वारा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना में पीलीभीत पुलिस के दो कांस्टेबल घायल हुए हैं।'

पंजाब पुलिस ने क्या कहा है?

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'पाकिस्तान प्रायोजित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में मॉड्यूल के तीन सदस्यों के साथ मुठभेड़ हुई है, जिन्होंने पुलिस पार्टी पर गोलीबारी की थी। यह आतंकी मॉड्यूल पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस प्रतिष्ठानों पर ग्रेनेड हमलों में शामिल है।'

उन्होंने आगे लिखा, 'यह मुठभेड़ पीलीभीत के थाना पूरनपुर के अधिकार क्षेत्र में पीलीभीत और पंजाब की संयुक्त पुलिस टीमों के बीच हुई है और मॉड्यूल के तीन सदस्य गुरदासपुर में एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले में शामिल हैं। घायल व्यक्तियों को तत्काल उपचार के लिए सीएचसी पूरनपुर ले जाया गया है। पूरे आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के लिए जांच जारी है।'

एक-47 समेत गोला-बारूद बरामद

पुलिस के अनुसार अस्पताल में डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। हमने उनके पास से दो एके-47, दो एके राइफल, 2 विदेशी निर्मित ग्लॉक पिस्तौल और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है। आरोपियों का संबंध एक विदेशी आतंकवादी संगठन से था।'

बता दें कि 19 दिसंबर को गुरदासपुर जिले की कलानौर तहसील में एक खाली किए जा चुके वडाला बांगर पुलिस चौकी पर विस्फोट की सूचना मिली थी। जानकारी के अनुसार हमलावर एक ऑटो में बैठकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए।

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने सोशल मीडिया के जरिए कथित तौर पर इसे अंजाम देने की जिम्मेदारी ली थी। गुरदासपुर में 48 घंटों के भीतर यह दूसरा विस्फोट था। वहीं, 24 नवंबर के बाद से पंजाब में यह ऐसी आठवीं घटना थी। पोस्ट में संगठन ने यह कहा कि कलानौर में हमला उनके द्वारा जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई और भाई जसविंदर सिंह बागी उर्फ मनु अगवान की देखरेख में किया गया।

पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस हमले का उद्देश्य पंजाब ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सिखों के बारे में अपमानजनक और गलत बातें बोलने वालों को जवाब देना था। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने यह धमकी भी दी कि भविष्य में इस तरह के हमलों के माध्यम से ऐसे लोगों को चेतावनी दी जाएगी जो सिख समुदाय के खिलाफ बुरा बोलते हैं।

एनआईए भी घटना के बाद हो गई थी सक्रिय

पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से एक्शन में आ गई थी। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में बड़े आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया था। इसके चलते एनआईए ने पंजाब के विभिन्न इलाकों में आठ जगहों पर छापेमारी की थी। इन रेड्स के दौरान आतंकी हमले से संबंधित अहम इनपुट प्राप्त हुए थे, जिन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया था। पंजाब पुलिस ने इन इनपुट्स के आधार पर हमलावरों की तलाश में यूपी का रुख किया था।

(समाचार एजेंसी IANS की इनपुट के साथ)