इस्लाम दुनिया में तेजी से बढ़ रहा धर्म है। यह फिलहाल वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। प्यू के वैश्विक धार्मिक परिदृश्य अध्ययन (Pew’s Global Religious Landscape Study) की रिपोर्ट में 2010 से 2020 के बीच वैश्विक स्तर पर धार्मिक समूहों की आबादी में आए बदलावों का विश्लेषण किया गया है। इस स्टडी से पता चला कि दुनिया भर में मुसलमानों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जबकि हिंदुओं सहित अन्य सभी धर्मों की आबादी में इसके मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है।
अध्ययन के अनुसार, मुस्लिम आबादी में 34.7 करोड़ की वृद्धि हुई है। यह कुल मिलाकर अन्य सभी धर्मों की आबादी में हुई संयुक्त वृद्धि से भी अधिक है। प्यू रिसर्च सेंटर के अध्ययन के अनुसार हिंदू विश्व की 14.9% आबादी के साथ चौथा सबसे बड़ा समूह है। वहीं, अब भी दुनिया में सबसे बड़ी संख्या ईसाई धर्म मानने वालों की है। तीसरे स्थान पर उन लोगों की संख्या है जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं। यह रिपोर्ट 9 जून को जारी की गई।
मुस्लिम आबादी 10 साल में सबसे तेजी से बढ़ी
रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर, मुसलमानों की संख्या 10 वर्षों में 21% बढ़ी है, जो 1.7 बिलियन से बढ़कर 2.0 बिलियन हो गई है। अध्ययन में कहा गया है कि मुसलमानों की संख्या बाकी दुनिया की आबादी की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ी है। नतीजतन, दुनिया की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 24% से बढ़कर 26% हो गई है।
प्यू रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ जनसांख्यिकीविद् कॉनराड हैकेट ने कहा कि मुसलमानों में बच्चों को जन्म देने की दर, समुदाय में लोगों की मृत्यु की दर से कहीं अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार मुसलमान मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में हैं जहाँ जनसंख्या वृद्धि अधिक है, जैसे कि मध्य पूर्व-उत्तरी अफ़्रीका क्षेत्र। वे इस क्षेत्र में 94.2% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, उप-सहारा अफ्रीका में मुस्लिम 33% हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र में इनकी संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है, जहाँ 2010 और 2020 के बीच इनका प्रतिशत 16.2% बढ़ा है।
ईसाईयों की संख्या बढ़ी लेकिन वैश्विक कुल जनसंख्या में गिरावट
स्टडी से पता चलता है कि पिछले 10 साल (2010 से 2020) की अवधि के दौरान ईसाई धर्म में 12.2 मिलियन लोगों की वृद्धि हुई। हालाँकि, वैश्विक जनसंख्या के समग्र हिस्से के रूप में इसमें गिरावट आई है। गिरावट के बावजूद, ईसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बना हुआ है। दुनिया भर में 2.3 बिलियन अरब लोग इस धर्म का पालन करते हैं, जो दुनिया की आबादी का 29% है।
ईसाई धर्म में 1.8% की गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण गैर-ईसाई आबादी में वृद्धि है। स्टडी के अनुसार यह गिरावट यूरोप, उत्तरी अमेरिका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में देखी गई। एशिया-प्रशांत और मध्य पूर्व-उत्तरी अफ्रीका क्षेत्रों को छोड़कर वैसे, यह अब भी दुनिया में ज्यादातर हिस्सों में सबसे बड़ा धर्म बना हुआ है।
बौद्ध धर्म मानने वालों की संख्या में कमी
रिपोर्ट के अनुसार बौद्ध एकमात्र प्रमुख धार्मिक समूह है, जिनकी जनसंख्या 2020 में एक दशक पहले की तुलना में कम हुई है। दुनिया भर में बौद्धों की संख्या 19 लाख घटकर 32.4 करोड़ रह गई। वैश्विक जनसंख्या के हिस्से के रूप में, बौद्धों की संख्या 0.8 अंक घटकर 4.1% रह गई है। हालांकि, अध्ययन में यह भी कहा गया है कि ये संख्याएँ पूरी तस्वीर नहीं दिखाती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बौद्ध परंपराओं या प्रथाओं का पालन करने वाले कई लोग आधिकारिक तौर पर बौद्ध नहीं माने गए होंगे।
आबादी के तौर पर हिंदू धर्म की क्या है स्थिति?
दुनिया में चौथा सबसे बड़ा समूह हैं। अध्ययन के अनुसार हिंदू अभी दुनिया की आबादी का 14.9% हैं। इससे पहले यह 15% था। हिंदुओं की संख्या 12.6 करोड़ बढ़ी है और अब ये 1.2 अरब हो गई है। अधिकांश हिंदू भारत में रहते हैं (95%), और 2010 और 2020 के बीच मध्य पूर्व-उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में उनकी संख्या में 62% की वृद्धि हुई। इसके पीछे की मुख्य वजह माइग्रेश है। उत्तरी अमेरिका में हिंदुओं की संख्या 55 प्रतिशत बढ़ी है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बाहर से अधिक हिंदुओं की संख्या अमेरिका में है। यहां हिंदुओं की संख्या 30 लाख है। उसके बाद यूनाइटेड किंगडम (11 लाख) और संयुक्त अरब अमीरात (11 लाख) का स्थान आता है। भारत और नेपाल के अलावा, मॉरीशस ही एकमात्र ऐसा देश है जहाँ हिंदू सबसे ज्यादा संख्या में हैं। यहाँ 48% आबादी हिंदू है। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशियाई देशों भारत, नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी में मामूली गिरावट आई है।