नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर इजराइल को सैन्य हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाने की मांग कई गई है। याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह गाजा में युद्ध लड़ रहे इजराइल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने और नए लाइसेंस जारी न करने को लेकर केंद्र को निर्देशित करे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर की गई है जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को पक्ष बनाया गया है। याचिका में इजराइल को सैन्य हथियारों के निर्यात पर रोक को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का दिया गया हवाला
इसमें कहा गया है, भारत कई अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों के तहत बाध्य है, जो भारत को ऐसे राज्यों को सैन्य हथियारों की आपूर्ति न करने का आदेश देते हैं जो युद्ध अपराधों के दोषी हैं, क्योंकि ऐसा कोई भी निर्यात अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन करने में इस्तेमाल हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि भारत संघ को अपने विभिन्न अंगों के माध्यम से, भारत की विभिन्न कंपनियों को हथियार और अन्य सैन्य उपकरणों के निर्यात के लिए दिए गए किसी भी मौजूदा लाइसेंस को रद्द करने और नए लाइसेंस/अनुमतियों के अनुदान को रोकने के लिए एक रिट ऑफ मैंडमस या कोई अन्य उपयुक्त रिट या निर्देश जारी करें…”
इसमें बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने 26 जनवरी, 2024 को अपने हालिया फैसले में गाजा पट्टी में नरसंहार रोकने और सजा देने के समझौते का उल्लंघन करने पर इजराइल के खिलाफ अस्थायी कदम उठाने का आदेश दिया।
याचिका में आगे कहा गया, अस्थायी उपायों में इजराइल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों पर हो रही सभी हत्याओं और विनाश को तुरंत रोकने का आदेश शामिल है। इस फैसले के बाद, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि इजराइल को हथियार और गोला-बारूद भेजना मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन हो सकता है और इससे देश को अंतरराष्ट्रीय अपराधों, संभवतः नरसंहार में शामिल होने का खतरा हो सकता है।
युद्ध अपराधों में शामिल देशों को सैन्य हथियार भेजना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है, भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों के अनुसार बाध्य है कि वह उन देशों को सैन्य हथियार न भेजे जो युद्ध अपराधों में शामिल हैं, क्योंकि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन हो सकता है।
गौरतलब है कि इजराइल के गाज़ा पर हमले में हजारों फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इससे पहले, 7 अक्टूबर 2023 की सुबह, हमास के बंदूकधारियों ने गाज़ा की सीमा पार कर इज़राइल पर अचानक हमला किया था और लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी।