डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर पटना में छात्रों का उग्र प्रदर्शन, डाकबंगला पर लाठीचार्ज और कई हिरासत में

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने चेतावनी दी कि यह विरोध सिर्फ शुरुआत है। अगर राज्य सरकार ने डोमिसाइल नीति पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया, तो आने वाले दिनों में राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। 

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पटनाः बिहार में सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर बुधवार को छात्र सड़कों पर उतर आए। राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर हालात तब तनावपूर्ण हो गए, जब छात्रों को मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। कई प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया।

सुबह गांधी मैदान से सैकड़ों छात्र मार्च करते हुए जेपी गोलंबर होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे। प्रदर्शनकारी बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक भर्ती परीक्षा समेत सभी सरकारी भर्तियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग कर रहे थे।

डाकबंगला चौराहे पर पहुंचते ही भारी संख्या में तैनात पुलिस बल ने बैरिकेडिंग कर छात्रों को रोक दिया। इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद हालात नियंत्रण से बाहर होते देख लाठीचार्ज किया गया।

क्या है छात्रों की मांग?

छात्रों का कहना है कि बिहार सरकार को तत्काल अन्य राज्यों की तर्ज पर डोमिसाइल नीति लागू करनी चाहिए, ताकि स्थानीय युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता मिले। प्रदर्शनकारी 'वोट दे बिहारी, नौकरी ले बाहरी- नहीं चलेगा' जैसे नारे लगा रहे थे।

छात्र नेता दिलीप कुमार ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि बिहार के छात्रों के साथ अन्य राज्यों में भेदभाव होता है। कहीं परीक्षा में स्थानीय सवाल पूछे जाते हैं, कहीं सिलेबस ही ऐसा बना दिया जाता है जिससे बाहरी छात्रों को हाशिए पर धकेल दिया जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि बिहार जैसे राज्य में, जहां उद्योग-धंधे नहीं हैं, सरकारी नौकरी ही युवाओं के लिए प्रमुख विकल्प है। अगर सरकार चुनाव से पहले डोमिसाइल नीति लागू नहीं करती है, तो हम छात्रों के पास वोट बहिष्कार के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।

पुलिस की कार्रवाई पर प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा?

पुलिस की कार्रवाई पर छात्र संगठनों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखने आए छात्रों के साथ सख्ती दिखाना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि छात्रों को बार-बार समझाने की कोशिश की गई, लेकिन जब वे बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने लगे, तब मजबूरी में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने चेतावनी दी कि यह विरोध सिर्फ शुरुआत है। अगर राज्य सरकार ने डोमिसाइल नीति पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया, तो आने वाले दिनों में राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मसले पर स्पष्ट स्थिति रखने की मांग की है।

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