लॉस एंजिल्स में छह दिनों से क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन जिसके चलते लगाना पड़ा कर्फ्यू?

अमेरिका के लॉस एंजिल्स में कर्फ्यू लगाया गया है। बीते कई दिनों से लॉस एंजिल्स में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैलिफोर्निया में नेशनल गार्ड की तैनाती कर दी।

partial curfew imposed in los angeles amid violent protests over trumps immigration raids

लॉस एंजिल्स में आंशिक रूप से लगा कर्फ्यू Photograph: (आईएएनएस)

वाशिंगटनः अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के आव्रजन छापों (Immigration Raids) के विरोध में लॉस एंजिल्स कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं। ये प्रदर्शन हिंसक हो चुके हैं। हिंसक प्रदर्शन के बाद अब यहां पर आंशिक रूप से कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। इसकी जानकारी कैलिफोर्निया के मेयर करेन बास ने दी। उन्होंने कहा हिंसक विरोध प्रदर्शन, आगजनी, लूटपाट के बाद मंगलवार से आंशिक कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। 

यह कर्फ्यू रात 8 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक रहेगा। करेन बास ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक यही व्यवस्था लागू रहेगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि कर्फ्यू निवासियों और क्षेत्र में काम कर रहे लोगों पर लागू नहीं होगा। 

नेशनल गार्ड की तैनाती

डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में विरोध प्रदर्शनों के बीच 4,000 से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों और 700 से अधिक मरीनों की तैनाती की। मेयर बास ने इसे कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम के अधिकार को खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। 

बास ने आंशिक कर्फ्यू के संबंध में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा "लोगों ने मुझसे पूछा कि मरीन्स यहां पर आने के बाद क्या करने जा रहे हैं। यह अच्छा सवाल है लेकिन मुझे कोई जानकारी नहीं है।"

विरोध प्रदर्शनों को "शांति और सार्वजनिक व्यवस्था पर हमला" बताते हुए ट्रम्प ने मंगलवार को शायद ही कभी इस्तेमाल किए जाने वाले और विवादास्पद विद्रोह अधिनियम को लागू करके प्रदर्शनकारियों पर लगाम लगाने के लिए सेना को तैनात करने की धमकी दी।

"लॉस एंजिल्स को आजाद कराने" के अपने कदम का बचाव करते हुए ट्रम्प ने कहा, "कैलिफोर्निया में आप जो देख रहे हैं, वह शांति, सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय संप्रभुता पर पूर्ण हमला है, जिसे विदेशी झंडे लिए दंगाइयों ने अंजाम दिया है।"

राज्य और संघीय सरकार के अंतर्गत आते हैं नेशनल गार्ड

चूंकि अमेरिका में नेशनल गार्ड राज्य और संघीय सरकार दोनों के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में कैलिफोर्निया राष्ट्रपति ट्रंप पर गवर्नर के अधिकार को दरकिनार करने और नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती के लिए अनुमति लेने में विफल रहने के लिए मुकदमा चलाने की तैयारी कर रहा है। 

इस मामले में कैलिफोर्निया के गवर्नर न्यूसम ने इस बात पर जोर दिया कि कैलिफोर्नियां की सेनाएं कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात हैं। हालांकि, ट्रंप ने इस दौरान ट्रंप ने विशिष्ट प्रावधानों का हवाला देते हुए नेशनल गार्ड की तैनाती की। 

गवर्नर ने इस बारे में रविवार को एक्स पर एक टिप्पणी भी की थी जिसमें लिखा था "जब तक ट्रम्प इसमें शामिल नहीं हुए, तब तक हमें कोई समस्या नहीं थी। यह राज्य की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है - संसाधनों को वहाँ से खींचकर तनाव को बढ़ाना जहाँ उनकी वास्तव में आवश्यकता है।"

वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेयर बास ने कहा कि लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग को अतिरिक्त मदद की जरूरत है लेकिन ट्रंप प्रशासन से नहीं।

उन्होंने कहा कि बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने का वास्तविक समाधान यह है कि ट्रम्प प्रशासन "छापेमारी रोके।"

मेयर पिछले हफ्ते ट्रंप प्रशासन द्वारा लॉस एंजिल्स में दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों पर की गई कार्रवाई का जिक्र कर रही थीं। शुक्रवार को तनाव तब और बढ़ गया जब इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट अधिकारियों ने होम डिपो पार्किंग लॉट और शहर में एक कपड़ा निर्माता के यहां 40 से ज्यादा अप्रवासियों पर छापे मारे। 

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