नई दिल्लीः ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान मनगढ़ंत बातों और फर्जी तस्वीरों के जरिए भारत को नुकसान पहुंचाने के दावे करता रहा है। हालांकि हर बार उसके फर्जी दावे बेनकाब होते रहे। अब फिर से अपने नए दावे को लेकर उसको शर्मसार होना पड़ा है। पाकिस्तानी मीडिया में हाल ही में दावा किया गया कि उसकी सेना ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर हमला कर भारतीय वायुसेना के सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान को तबाह कर दिया था।

हालांकि, भू-खुफिया विशेषज्ञ डेमियन सायमन ने इन दावों की सैटेलाइट इमेजरी के जरिए पोल खोल दी है। उन्होंने मार्च 2025 की एक सैटेलाइट तस्वीर साझा की जिसमें एक मिग-29 विमान की नियमित मरम्मत चल रही थी। तस्वीर में विमान के पास जो काले निशान दिखाए जा रहे थे, वे दरअसल इंजन परीक्षण के दौरान बने सामान्य कालिख के निशान थे जो दो महीने पहले की गतिविधि थी और किसी भी ‘स्ट्राइक’ का परिणाम नहीं।

पाकिस्तान के झूठे दावों का सच

1. आदमपुर एयरबेस: सुखोई-30 पर हमले का झूठा दावा

पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने आदमपुर में खड़े भारतीय सुखोई-30 विमान को निशाना बनाया। जो सैटेलाइट इमेज पेश की गई, उसमें एक विमान के पास जले हुए धब्बे दिखाई दिए। लेकिन जांच में पाया गया कि यह तस्वीर संघर्ष से पहले की है और उसमें जो विमान दिख रहा है, वह एक MiG-29 है जो नियमित रखरखाव में था। जले हुए निशान असल में इंजन टेस्टिंग के कारण बने कालिख थे।

2. भुज एयरबेस: S-400 प्रणाली पर फर्जी हमला

पाकिस्तान की तरफ से भुज में S-400 रडार सिस्टम को निशाना बनाए जाने का दावा भी किया गया। इसके लिए पेश की गई इमेज में एयरबेस पर काले धब्बे दिखाए गए, जो असल में वाहन मरम्मत क्षेत्र में फैले तेल या ईंधन के धब्बे थे। यह तस्वीर भी संघर्ष से पहले की थी और उसका हमले से कोई संबंध नहीं था।

3. आदमपुर में S-400 पर दूसरा झूठा दावा

पाकिस्तान ने एक अन्य दावा किया गया कि आदमपुर में डिफेंस सिस्टम S-400 पर हमला किया गया। साक्ष्य के रूप में पेश किए गए सैटेलाइट इमेज को भारी रूप से एडिट किया गया था, जिसमें काले गोल निशान बनाकर मिसाइल हमले का भ्रम पैदा किया गया। लेकिन वास्तविक सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट हो गया कि वहां कोई भी क्षति नहीं हुई।

4. नालिया एयरबेस: बादल की छाया को 'हमला' बताया

ऐसा ही दावा नालिया एयरबेस को लेकर किया गया।  इमेज में रनवे के पास मिट्टी का रंग गहरा दिखाई दे रहा था, जिसे पाकिस्तानी मीडिया ने बमबारी का परिणाम बताया। हालांकि विश्लेषण में स्पष्ट हुआ कि यह गहरा रंग असल में एक बादल की छाया थी। इससे साफ हुआ कि एयरबेस पर कोई हमला नहीं हुआ था।

5. श्रीनगर एयरपोर्ट: नागरिक क्षेत्र को लक्ष्य बताने की कोशिश

इसी तरह श्रीनगर हवाई अड्डे की धुंधली तस्वीर को बमबारी का परिणाम बताया गया, जबकि उसी स्थान की कई उच्च-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि वहां कोई बदलाव या क्षति नहीं हुई थी।

6. चीनी सैटेलाइट इमेज से फर्जी प्रचार

एक चीनी सैटेलाइट कंपनी द्वारा जारी की गई इमेज में भी आदमपुर एयरबेस को निशाना बनाया गया दिखाया गया, लेकिन वह निशान पहले से मौजूद था और युद्ध से कोई संबंध नहीं था।

7. जम्मू एयरपोर्ट: डिजिटल छेड़छाड़ का उदाहरण

जम्मू हवाई अड्डे की तस्वीर में रनवे और अप्रोन पर काले धब्बे दिखाए गए और दावा किया गया कि वहां हमला हुआ है। बाद में सामने आई हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरों में यह स्पष्ट हुआ कि कोई क्षति नहीं हुई और प्रस्तुत इमेज को डिजिटल रूप से एडिट किया गया था।

इन सभी मामलों में पाकिस्तान के दावे किसी भी सत्यापन में खरे नहीं उतरते। इन दावों के विपरीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आदमपुर एयरबेस का दौरा कर चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वहां कोई क्षति नहीं हुई।

इसके उलट, जैकबाबाद और भोलारी जैसे पाकिस्तानी एयरबेस पर भारत के हमलों के बाद व्यापक मरम्मत कार्य चल रहे हैं। सैटेलाइट इमेज में देखा गया है कि संरचनाओं और विमानों को ढकने के लिए तिरपाल का उपयोग किया गया है, जिससे ज़मीनी क्षति को छिपाने की कोशिश की जा रही है।