पाकिस्तानी सेना का पूर्व पैरा कमांडो हाशिम मूसा था पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड, जांच में खुलासा

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, मूसा को पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) की ओर से लश्कर में शामिल होकर घाटी में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने का टास्क दिया गया था।

secruity agencies issued sketches of three suspected terrorists responsible for pahalgam terror attack

पहलगाम आतंकी हमले के संदिग्धों की स्केच फोटो।

नई दिल्ली: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मुख्य आरोपियों में से एक हाशिम मूसा पाकिस्तान सेना की पैरा फोर्स का पूर्व सैनिक था। यह जानकारी खुफिया सूत्रों ने मंगलवार साझा की।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान आर्मी से बर्खास्तगी के बाद हाशिम मूसा ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्यता ली। माना जा रहा है कि वह सितंबर 2023 में भारत में घुसपैठ कर कश्मीर पहुंचा और श्रीनगर के पास बडगाम जिले में सक्रिय था।

मूसा को क्या टास्क दिया गया था?

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, मूसा को पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) की ओर से लश्कर में शामिल होकर घाटी में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने का टास्क दिया गया था। मूसा विशेष रूप से गुप्त और अनियमित युद्ध रणनीतियों में प्रशिक्षित था। वह आधुनिक हथियारों के संचालन, हाथ से लड़ाई, लंबी दूरी की नेविगेशन और दुर्गम परिस्थितियों में जीवित रहने की विशेष क्षमताओं में माहिर था।

मूसा का सेना से संबंध एक स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) की पूछताछ के दौरान उजागर हुआ, जिसे हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि कम से कम 14 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्करों ने पाकिस्तानी आतंकियों को रसद, आश्रय और हमले से पहले इलाके की रेकी में मदद की थी।

पाकिस्तानी सेना और ISI की संलिप्तता 

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सेना और आईएसआई की संलिप्तता अब साफ नजर आ रही है। इस तरह के पैटर्न अक्टूबर 2024 के आतंकी हमलों में भी देखे गए थे, जिनमें छह गैर-कश्मीरी नागरिक, एक डॉक्टर, दो भारतीय सैनिक और दो पोर्टर्स की हत्या हुई थी। मूसा उन हमलों में भी शामिल रहा था।

एनआईए की जांच में दक्षिण कश्मीर में एक सक्रिय स्थानीय आतंकी मॉड्यूल और ओवरग्राउंड वर्करों के नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसने पहलगाम हमले में आतंकियों को मार्गदर्शन, आश्रय और हथियारों की आपूर्ति जैसी सहायता दी।

हमले में दो पाकिस्तानी के साथ दो स्थानीय आतंकी शामिल

जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी आतंकियों- हाशिम मूसा और अली भाई- के अलावा दो स्थानीय आतंकवादी आदिल ठोकर और आसिफ शेख सीधे तौर पर शामिल थे। हालांकि, ओवरग्राउंड वर्करों से हुई पूछताछ यह संकेत दे रही है कि हमले में और भी पाकिस्तानी आतंकियों की भागीदारी हो सकती है।

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए इस भीषण हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से घाटी में सबसे भयावह आतंकी वारदात माना जा रहा है।

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