भारतीय कार्रवाई के डर से आतंकियों को बंकरों में शिफ्ट कर रही पाकिस्तानी सेना, PoK में कई लॉन्च पैड्स किए खाली

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पीओके में 42 आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण केंद्रों की पहचान की है। वहां करीब 150 से 200 प्रशिक्षित आतंकियों की मौजूदगी का अनुमान है, जो किसी भी समय घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।

पहलगाम आतंकी हमला, 2000 में हुए हमले की याद ताजा, आतंकी वारदात, आतंकवादियों का हमला

भारतीय सैनिक। IANS

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय कार्रवाई के डर से पाकिस्तान सेना ने पीओके में मौजूद कई आतंकी लॉन्च पैड्स खाली कराना शुरू कर दिया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों को अब सेना के बंकरों और सुरक्षित ठिकानों में शिफ्ट किया जा रहा है।

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय एजेंसियों ने हाल ही में पीओके में सक्रिय कई लॉंच पैड्स की पहचान की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने आतंकी ठिकानों को तेजी से खाली कराना शुरू कर दिया। सूत्रों का कहना है कि केल, सरदी, दूधनियाल, अथमुकाम, जूरा, लीपा, फॉरवर्ड कहूटा, कोटली, खुईरट्टा, मंधार, निकाइल, चमनकोट और जानकोट जैसे इलाकों से आतंकियों को हटाया जा रहा है।

पीओके में 42 आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण केंद्रों की पहचान

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पीओके में 42 आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण केंद्रों की पहचान की है। वहां करीब 150 से 200 प्रशिक्षित आतंकियों की मौजूदगी का अनुमान है, जो किसी भी समय घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल हिज्बुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के करीब 60 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं, जबकि 17 स्थानीय आतंकियों की भी मौजूदगी है।

घुसपैठ के लिए इस्तेमाल होते थे ये लॉन्च पैड

ये लॉन्च पैड लंबे समय से आतंकियों को भारत में घुसपैठ के लिए तैयार करने और सीमा पार कराने के महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं। आतंकियों की अचानक हो रही तैनाती में बदलाव इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान अपनी आतंकी संरचनाओं को भारतीय खुफिया निगरानी और संभावित प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक्स से बचाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद एलओसी पर तनाव बढ़ गए हैं।

22 अप्रैल को हुए हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली थी। पीड़ितों के मुताबिक टीआरएफ से जुड़े 5-6 आतंकियों ने, कथित तौर पर धर्म के आधार पर पहचान कर लोगों को निशाना बनाया। इसे हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुआ सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसने पूरे भारत में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। हमले को लेकर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं।

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