श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में मंगलवार को आतंकी के बाद पूरे देश में आक्रोश है। यहां आतंकियों ने पर्यटकों के एक ग्रुप को निशाना बनाया, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा दर्जन भर लोगों के घायल हुए हैं। आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

इसी बीच आतंकी हमले के वक्त का एक वीडियो सामने आया है, इसमें साफ देखा जा सकता है कि आतंकियों ने पर्यटकों कैसे पर हमला करना शुरू किया, तो मौके पर किस कदर दहशद फैल गई थी। इस वीडियो के जरिए यह भी दावा किया जा रहा है कि आतंकी हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कश्मीर की वादियां तो नजर आ रही हैं लेकिन वीडियो देखकर खुशी नहीं महसूस हो रही है बल्कि लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि आतंकियों ने जब लोगों पर अटैक करना शुरू किया, तो लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

वीडियो रिकॉर्ड करने वाले शख्स की भी आवाज वीडियो में सुनी जा सकती है कि किस हद तक वो डरा हुआ है और सामने देखने के लिए बोल रहा है। इतने में एक ज़ोरदार धमाके की आवाज़ सुनाई देती है और चारों तरफ से चीख-पुकार की आवाजें आने लगती हैं, तो वहीं कुछ लोग दौड़ते-भागते हुए भी नजर आते हैं। हमले के वक्त का मंजर बयां कर पाना बेहद मुश्किल है लेकिन वीडियो देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दहशत ने किस कदर लोगों को दिमाग पर असर किया होगा।

सुरक्षा बलों ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच और तस्वीरें

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने बुधवार को कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं। इस हमले में मंगलवार को 28 नागरिकों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। सुरक्षा बलों के अनुसार, इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है। ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है। इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं।

सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे। सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।

हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी।

आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे से की हमले की रिकॉर्डिंग

कुछ आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे और बॉडी कैमरों से पूरे हमले की रिकॉर्डिंग भी की। उनके पास सूखे मेवे और दवाइयां भी थीं, जिससे साफ है कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले कुछ स्थानीय लोगों की मदद से इलाके की रेकी भी की थी। चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे। वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं।

हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति। जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है।