ओसामा बिन लादेन की तरह होना चाहिए पाकिस्तीन सेना प्रमुख असीम मुनीर का अंत: पूर्व अमेरिकी रक्षा अधिकारी

पूर्व अमेरिकी रक्षा अधिकारी माइकल रुबिन ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला ठीक वैसा है, जैसा हमास ने इजराइल पर किया था। भारत ISI के साथ वैसा ही करे जैसा इजराइल ने हमास के साथ किया है।

Michael Rubin

Photograph: ( American Enterprise Institute)

नई दिल्ली: अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की तुलना मारे जा चुके अल कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन से की है। रुबिन ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) को लेकर सीधे-सीधे पाकिस्तान पर सवाल उठाए। मंगलवार पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अब अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो रुबिन ने कहा, 'ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर के बीच एकमात्र अंतर यह है कि ओसामा बिन लादेन एक गुफा में रहता था और असीम मुनीर एक महल में रहता है, लेकिन इसके अलावा, दोनों एक ही हैं, और उनका अंत भी एक जैसा ही होना चाहिए।'

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले का एकमात्र जवाब यही है कि पाकिस्तान को आतंकवाद को शह देने वाले देश और असीम मुनीर को अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित किया जाए।

'लिप्सटिक ऑन ए पिग'...

रुबिन ने इस दौरान 'लिप्सटिक ऑन पिग' (lipstick on a pig) मुहावरे का इस्तेमाल भी किया। इसका मतलब ऊपरी दिखावा होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई दिखावा नहीं होना चाहिए कि जम्मू और कश्मीर में हुआ हमला खुद से या अचानक किया गया हमला था। 

उन्होंने कहा, 'जहां तक ​​समय की बात है, जिस तरह बिल क्लिंटन के भारत दौरे पर आतंकवादी हमला हुआ था, उसी तरह ऐसा लगता है कि पाकिस्तान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा से ध्यान हटाना चाहता है।'

'पाकिस्तान पर नकेल कसने की जरूरत'

रुबिन ने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणी ने हमले के लिए प्रत्यक्ष उकसावे का काम किया है।

रुबिन ने कहा, 'निश्चित रूप से उस भाषण ने आतंक को हरी झंडी दिखाई। असीम मुनीर ने कहा कि कश्मीर गले की नस है। अब भारत को जो करने की जरूरत है, वह ये है कि पाकिस्तान की गर्दन कटनी चाहिए। इसमें कोई अगर, या लेकिन नहीं है। अब कोई शॉर्टकट नहीं है। असीम मुनीर ने हरी झंडी दी है।'

रुबिन ने आतंकवादी समूहों को पनाह देने में पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही भूमिका की भी बात की। उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा सहित असंख्य आतंकवादी समूहों का घर है। दुर्भाग्य से क्योंकि पाकिस्तानी राजनयिक पश्चिमी देशों को मूर्ख बना रहे हैं, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की कमी है। इस वजह से अब हमें समस्या का विस्तार दिख रहा है, न केवल पाकिस्तान में बल्कि स्पष्ट रूप से बांग्लादेश में भी असर नजर आ रहा है।'

पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए रुबिन ने कहा कि अभी भी सबूत जुटाए जा रहे हैं, लेकिन शुरुआती संकेत पाकिस्तान की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहे हैं।

जो इजराइल ने हमास के साथ किया...

पहलगाम हमले की तुलना 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमास के हमले से करते हुए रुबिन ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत आईएसआई के साथ वैसा ही करे जैसा इजराइल ने हमास के साथ किया है। 

रुबिन ने कहा, 'ठीक इसी तरह 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया था। वह खास तौर पर यहूदियों के खिलाफ था और सिर्फ यहूदियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उन सबसे उदार यहूदियों के खिलाफ था जो गाजा पट्टी के साथ शांति और सामान्य स्थिति चाहते थे। एक छुट्टी मनाने वाले रिसॉर्ट पर मध्यम वर्ग के हिंदुओं को निशाना बनाकर, यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी अब वही रणनीति अपना रहे हैं। स्पष्ट रूप से, अब भारत का कर्तव्य है कि वह पाकिस्तान और पाकिस्तान के आईएसआई के साथ वैसा ही करे जैसा इजराइल ने हमास के साथ किया था। आईएसआई के नेतृत्व को खत्म करने का समय आ गया है।'

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