नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के ठीक एक सप्ताह बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आतंकवाद पर 'करारा प्रहार' करने के लिए सेना को खुली छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना को यह अधिकार है कि वह कब, कैसे और किस लक्ष्य पर प्रहार करना है, इसका निर्णय स्वयं ले।
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ ही सेना, नौसेना तथा वायु सेना के प्रमुख भी मौजूद थे।माना जा रहा है कि बैठक का एजेंडा कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी की समीक्षा करना और सीमा पार आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के उद्देश्य से सैन्य और रणनीतिक विकल्पों पर विचार-विमर्श करना था।
'उनकी कल्पना से भी परे मिलेगी सजा'
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि आतंकवाद पर करारा प्रहार हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। उन्होंने भारतीय सैन्य बलों की पेशेवर क्षमता में पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें "हमारी प्रतिक्रिया के तौर-तरीकों, लक्ष्यों और टाइमिंग के बारे में निर्णय लेने की पूरी परिचालन स्वतंत्रता है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी दोहराया कि जो आतंकी और उनके सरपरस्त (स्पष्ट रूप से पाकिस्तान) इस हमले के पीछे हैं, उन्हें ऐसा दंड दिया जाएगा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। उन्होंने कहा कि भारत उन्हें "धरती के किसी भी छोर तक पीछा करके सजा देगा।"
इसी दिन केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में भी एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें तीन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में पाकिस्तान से संबंधित नीतिगत फैसलों को लेकर भी चर्चा हुई।
पहलगाम हमले में 26 लोगों को बनाया गया निशाना
पहलगाम की बैसारन घाटी में 22 अप्रैल को हुए हमले में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इस हमले में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों का हाथ सामने आया है।
हमले के अगले दिन ही भारत ने तात्कालिक नीतिगत कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की और अल्पकालिक वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों को निष्कासित करने का आदेश दिया। साथ ही नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या भी 55 से घटाकर 30 कर दी गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर निर्देश दिया कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय समय सीमा के बाद भारत में न ठहरे। इसके बाद केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाक नागरिकों के वीजा रद्द किए जा चुके हैं, वे तय समय तक देश छोड़ दें।
प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि आतंकवादी और उनके समर्थकों का ऐसा अंजाम होगा, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। मंगलवार की बैठक को उस प्रण को अमली जामा पहनाने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर बैठक के बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन जल्द ही पहलगाम के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।
पहलगाम हमले के बाद, सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर विशिष्ट इकाइयों को ऑपरेशनल रेडीनेस मोड में रखा गया है। ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्ट्स पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के लॉन्चपैड्स की गहन निगरानी कर रहे हैं।