जम्मू: पिछले महीने की 22 तारीख को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद अब भी हमलावर सुरक्षा सुरक्षाबलों की पकड़ से बाहर हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय शख्स मारा गया था। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच भी तनाव चरम पर रहा और अब भी बना हुआ है।
पहलगाम हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इसकी जांच में जुटी है। उसने कई प्रत्यक्षदर्शियों से भी इस बारे में बात की। इसके साथ ही जांच में तकनीक का इस्तेमाल सहित तमाम घटना से जुड़े आतंकियों के तमाम लिंक भी खंगाले गए हैं।
पहलगाम के बैसरन घाटी के मैदान में हुए हमले के पीछे पाकिस्तान के तीन आतंकवादियों समेत कम से कम पांच आतंकवादियों के होने का संदेह है। अधिकारियों ने कम से कम तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए थे और उनके बारे में जानकारी देने वाले को 20-20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक सूत्र ने बताया, 'जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुरू में आतंकवादियों के स्केच जारी किए थे... एनआईए ने नया मामला दर्ज करने के बाद गवाहों से पूछताछ शुरू की। अब तक उन्होंने टट्टू संचालकों, दुकानदारों, फोटोग्राफरों और एडवेंचर स्पोट्स में लगे लोगों समेत 150 स्थानीय लोगों से पूछताछ की है।'
एनआईए ने उस स्थानीय व्यक्ति से भी पूछताछ की, जिसने घटना से करीब 15 दिन पहले इलाके में एक दुकान खोली थी। हालांकि, हमले के दिन उसने दुकान बंद रखी। सूत्र ने कहा, 'हमें उसके खिलाफ कुछ भी ठोस नहीं मिला है और पूछताछ अभी भी जारी है।'
मोबाइल फोन, वीडियो, तस्वीरें...सबकुछ खंगाला जा रहा
पहलगाम हमले के बाद पिछले एक महीने की जांच के दौरान एनआईए ने घटनास्थल से जुड़े कई डेटा भी एकत्र किये हैं। इसमें मोबाइल फोन डेटा, सहित पीड़ितों के परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य पर्यटकों द्वारा लिए गए वीडियो और तस्वीरें शामिल हैं। एनआईए ने गवाहों और दुकानदारों के बयानों के आधार पर बैसरन घाटी के मैदान की 3डी मैपिंग भी तैयार की है।
एक अधिकारी ने कहा, 'इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि हमलावर कहाँ से आए और कहाँ से गए। 2019 के पुलवामा हमले की जाँच के दौरान एनआईए ने इसी तरह की 3डी मैपिंग की थी।'
कई ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े गए पर हमलावर अभी भी फरार
पहलगाम हमले के बाद के दिनों में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की और सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया। इनमें ओजीडब्ल्यू या ओवरग्राउंड वर्कर भी शामिल थे। हालांकि, इन एक्शन के बावजूद हमलावरों के छुपे होने के स्थान आदि को लेकर ठोस जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए ज़्यादातर लोगों को रिहा कर दिया गया है। हालांकि, ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर काम कर चुके कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और वे हिरासत में हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए को कई लोगों से जानकारी मिली, लेकिन ज्यादातर सुराग झूठे पाए गए। अधिकारी ने कहा, 'एक मामले में, एक पर्यटक ने तीन लोगों का वीडियो पोस्ट किया था, जिनके बारे में उसने कहा था कि वे हमलावरों से मिलते-जुलते हैं और उन्हें बेताब घाटी (पहलगाम के पास) में देखा गया था। उन्हें पकड़ा गया लेकिन जब कुछ भी उनके खिलाफ ठोस नहीं मिला तो उन्हें छोड़ दिया गया।'
टीआरएफ के टॉप कमांडर सहित 6 आतंकी ढेर
इस बीच सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए पिछले कुछ दिनों में 6 आतंकियों को भी मार गिराया है। दक्षिणी कश्मीर में दो अलग-अलग ऑपरेशन में इन कार्रवाई को अंजाम दिया गया। मारे गए आतंकियों में द रेजिसटेंस फ्रंट (टीआरएफ) का एक टॉप कमांडर भी शामिल है। गौरतलब है कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी इसी गुट ने ली थी। टीआरएफ दरअसल हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक ग्रुप है।
अधिकारियों के अनुसार पहलगाम आंतकी हमले के बाद शुरुआती कुछ दिनों तक सुरक्षा एजेंसियों ने हमलावरों के कुछ डिजिटल फुटप्रिंट्स का ठीक-ठाक पता लगा लिया था और वे 'उनके आकाओं के साथ कम्यूनिकेशन में सेंध लगाने' में भी सफल हो गए थे। हालांकि, बाद में गुजरते समये के साथ वे 'ऑफलाइन' हो गए। एक अधिकारी के अनुसार तलाशी अभियान को पहलगाम से आगे बढ़ाकर दक्षिण कश्मीर के जंगलों के अधिकांश हिस्सों तक फैला दिया गया है और आतंकियों की खोज जारी है।