नई दिल्ली: पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार को कई सख्त कदम को उठाने के बाद भारत सरकार ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया तेज करते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा रद्द कर दिया है। इसमें मेडिकल वीजा भी शामिल है। भारत ने साथ ही पाकिस्तानियों के लिए वीजा सर्विस को भी निलंबित कर दिया है।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी मौजूदा वैध वीजा रविवार, 27 अप्रैल से रद्द कर दिए जाएंगे। बयान में बताया गया कि पाकिस्तन के के नागरिकों को जारी सभी मेडिकल वीजा भी केवल मंगलवार, 29 अप्रैल तक वैध होंगे। 

इसमें कहा गया है कि भारत में वर्तमान में मौजूद सभी पाकिस्तानियों को इन संशोधित समयसीमाओं के आधार पर अपने वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले ही देश छोड़ देना चाहिए।

'पाकिस्तान की यात्रा नहीं करने की सलाह'

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा से बचने की सख्त सलाह दी जाती है। वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को भी जल्द से जल्द भारत लौटने की सलाह दी जाती है।' भारत की इस प्रतिक्रिया के बाद इसे संभावित सैन्य प्रतिक्रिया के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

इससे पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की एक आपात बैठक बुलाई गई थी, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही कई बड़े फैसले पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए।

इस आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया कि सिंधु जल संधि (1960) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह संधि तभी बहाल की जाएगी, जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद कर देगा। इसके अलावा अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी फैसला लिया गया है।

साथ ही सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस बैठक में फैसला लिया गया कि पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा। 

नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा। इसी तरह भारत भी इस्लामाबाद में स्थित अपने सैन्य सलाहकारों और पांच सहायक कर्मचारियों को वापस बुलाएगा। दोनों देशों के उच्चायोगों की कुल कर्मचारि‍यों की संख्या को 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 1 मई तक प्रभावी किया जाएगा।