पहलगाम हमला: हाई-प्रोफाइल अमेरिकी दौरों के दौरान आतंक की पुनरावृत्ति, 2000 और 2002 की खौफनाक यादें फिर ताजा

यह पहली बार नहीं है जब विदेशी नेताओं और अधिकारियों के भारत यात्रा के दौरान क्रूर आतंकी हमला हुआ हो। 20 मार्च, 2000 की रात को आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के चिट्टी सिंहपोरा गांव में 36 सिख ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया था।

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यह पहली बार नहीं है जब विदेशी नेताओं और अधिकारियों के भारत यात्रा के दौरान क्रूर आतंकी हमला हुआ हो। IANS

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगवालर को बड़ा आतंकवादी हमला हुआ जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हुई है। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद इसे सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।  पहलगाम हमले ने अतीत की खौफनाक यादों को फिर से जिंदा कर दिया। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत के दौरे पर हैं।

यह पहली बार नहीं है जब विदेशी नेताओं और अधिकारियों के भारत यात्रा के दौरान क्रूर आतंकी हमला हुआ हो। 20 मार्च, 2000 की रात को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के चिट्टी सिंहपोरा गांव में 36 सिख ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया था। यह भीषण हमला अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की 21-25 मार्च की यात्रा से ठीक पहले हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने क्लिंटन के समक्ष पाकिस्तान की संलिप्तता का मुद्दा उठाया था।

 2002 में जम्मू-कश्मीर के कालूचक के पास हुआ था आतंकवादी हमला

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो साल बाद, जब दक्षिण एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री क्रिस्टीना बी रोका भारत की यात्रा पर थीं, तब 14 मई, 2002 को जम्मू-कश्मीर के कालूचक के पास एक आतंकवादी हमला हुआ।

तीन आतंकवादियों ने मनाली से जम्मू जा रही हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बस पर हमला किया और सात लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद वे सेना के पारिवारिक क्वार्टर में घुस गए और अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 10 बच्चों, आठ महिलाओं और पांच सैन्यकर्मियों सहित 23 लोग मारे गए। मारे गए बच्चों की उम्र चार से 10 साल के बीच थी। हमले में 34 लोग घायल हुए।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एक्स पर अपनी संवेदनाएं पोस्ट कीं, "उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हम इस देश और इसके लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हैं। इस भयानक हमले में हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।"

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'कश्मीर से आई बेहद परेशान करने वाली खबर' बताते हुए कहा, "अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अविश्वसनीय लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी सहानुभूति है। हमारी संवेदनाएं आपके साथ हैं!"

ट्रंप बुधवार सुबह पीएम मोदी को फोन किया और पहलगाम में इस्लामी आतंकवादी हमले के शिकारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की निंदा की और कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है और हर संभव समर्थन की पेशकश की।

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