योग, संयम और सेवा के प्रतीक 'पद्मश्री' शिवानंद बाबा नहीं रहे, पीएम मोदी ने कहा- करोड़ों लोगों के लिए अपूरणीय क्षति

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवानंद बाबा को श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि योग साधक और काशी निवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।

पद्मश्री योग गुरु शिवानंद बाबा के निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख, 128 साल के योग गुरु शिवानंद बाबा का निधन

वाराणसीः योग साधना, सादगी और संयमित जीवन के प्रतीक पद्मश्री स्वामी शिवानंद बाबा ने शनिवार रात लगभग 9 बजे वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में अंतिम सांस ली। 128 वर्ष की दीर्घायु प्राप्त कर चुके इस महान योगी के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है।  उनका अंतिम संस्कार रविवार को हरिश्चंद्र घाट पर किया जाएगा। बाबा के जाने को योग और भारतीय जीवनशैली की जीवित परंपरा का अवसान माना जा रहा है।

वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित कबीर नगर में निवास करने वाले शिवानंद बाबा न केवल एक योग साधक थे, बल्कि सादगी, ब्रह्मचर्य और आत्मनियंत्रण के जीवंत प्रतीक भी थे। अत्यंत वृद्धावस्था के बावजूद वह प्रतिदिन नियमित रूप से योग और प्राणायाम करते थे, और उनका समर्पित जीवन भारतीय परंपरा की जीवित मिसाल रहा।

साल 2022 में जब उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया, तो बाबा शिवानंद नंगे पांव राष्ट्रपति भवन पहुँचे। वहाँ उन्होंने घुटनों के बल बैठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया। यह दृश्य पूरे देश के हृदय में अंकित हो गया- जहाँ प्रधानमंत्री सम्मान में खड़े हुए और तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झुककर बाबा को आदरपूर्वक उठाया।

शिवानंद बाबा का जन्म 8 अगस्त 1896 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत के श्रीहट्टी (अब बांग्लादेश) में एक निर्धन ब्राह्मण भिक्षुक परिवार में हुआ था। मात्र चार वर्ष की आयु में उन्हें नवद्वीप के संत बाबा ओंकारानंद गोस्वामी को सौंप दिया गया था। छह वर्ष की अवस्था में ही उन्होंने अपने माता-पिता और बहन को भुखमरी के कारण खो दिया था। इस गहन जीवन अनुभव ने उन्हें वैराग्य और साधना की ओर प्रेरित किया — और उन्होंने जीवनभर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए योग, सेवा और तपस्या को अपना उद्देश्य बना लिया।

केवल योग ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था भी अद्वितीय थी। वे हर चुनाव में मतदान करने वाराणसी जाते थे और इसे एक पवित्र कर्तव्य की तरह निभाते थे।

शिवानंद बाबा का निधन भारतीय योग परंपरा के एक युग के अंत की तरह है। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य प्रेरणा बना रहेगा,  कि संयम, सेवा और साधना ही सच्चा वैभव है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, "योग साधक और काशी निवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। योग के जरिए समाज की सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था। शिवानंद बाबा का शिवलोक प्रयाण हम सब काशीवासियों और उनसे प्रेरणा लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं इस दुख की घड़ी में उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा —"योग के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान देने वाले काशी के प्रख्यात योग गुरु 'पद्मश्री' स्वामी शिवानंद जी का निधन अत्यंत दुखद है। आपकी साधना एवं योगमय जीवन संपूर्ण समाज के लिए महान प्रेरणा है। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति प्राप्त हो।"

काशी का अनमोल रत्न खो गयाः मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु

प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने लिखा —"शिवानंद बाबा का जाना केवल एक संत का जाना नहीं है, बल्कि योग, संयम, सेवा और सादगी की जीवित परंपरा का अवसान है। उनका जीवन स्वयं में एक प्रेरणा था — बिना विलासिता, बिना रोग और बिना दिखावे के।"

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2022 में राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान लेते समय बाबा ने साष्टांग दंडवत कर समूचे राष्ट्र को भाव-विभोर कर दिया था।

संबित पात्रा और मोहन यादव ने भी दी श्रद्धांजलि

भाजपा नेता संबित पात्रा ने लिखा, "योग साधक ‘पद्मश्री’ शिवानंद बाबा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। योग और साधना को समर्पित उनका संपूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!"

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "योग के साथ अनुशासित व संयमित जीवन शैली से 128 वर्ष की आयु तक सक्रिय रहे पद्मश्री से सम्मानित योग गुरु शिवानंद बाबा जी का निधन काशी ही नहीं, बल्कि देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन करता हूं। श्रद्धेय शिवानंद बाबा प्राचीनतम योग विद्या, भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आत्मसात करने वाली ऐसी जीवन शैली के प्रतीक और प्रमाण थे, जो हम सभी के लिए लोककल्याण और उत्कृष्ट जीवन शैली हेतु प्रेरणादायक है। बाबा विश्वनाथ जी से प्रार्थना है कि दिवंगत की पुण्यात्मा को शांति प्रदान कर अपने श्रीचरणों में स्थान दें, उनके प्रशंसकों को अपार आघात सहन करने की क्षमता प्रदान करें। ॐ शांति।"

 

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