नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की मूर्ति नई दिल्ली में लगाने के प्रस्ताव को हाल ही में मंजूरी मिली है। यह मंजूरी सलाहकार समिति की ओर से मिली है। यह मंजूरी उनके जन्मदिन से कुछ दिनों पहले ही हुई है। पी वी नरसिम्हा राव का जन्मदिन 28 जून को है। हालांकि इस प्रस्ताव के लिए इसे केंद्र सरकार का इंतजार है।
दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) द्वारा 27 मार्च को बुलाई गई बैठक के विवरण के अनुसार, "नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा भेजे गए तेलंगाना भवन में पी वी नरसिम्हा राव की प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"
डीयूएसी की बैठक में क्या प्रस्ताव पास हुआ?
डीयूएसी की इस बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ-साथ आसपास टूटे फुटपाथों की मरम्मत करने और रात में दिखाई देने के लिए उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था स्थापित करने की भी सिफारिश की है। डीयूएसी का गठन साल 1973 में एक अधिनियम के तहत हुआ था। इसका काम केंद्र सरकार को “दिल्ली के भीतर शहरी और पर्यावरणीय डिजाइन की सौंदर्य गुणवत्ता को संरक्षित करने, विकसित करने और बनाए रखने के मामले” पर सलाह देने और किसी भी स्थानीय निकाय को किसी भी परियोजना के बारे में सलाह देने के लिए की गई थी जो “आसपास के क्षितिज या सौंदर्य गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।”
इंडियन एक्सप्रेस ने इस विषय में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि केंद्र सरकार के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। तेलंगाना भवन के अधिकारियों के साथ-साथ एनडीएमसी के अधिकारियों ने कहा कि यह प्रस्ताव उनकी ओर से नहीं आया है।
तेलंगाना भवन के एक अधिकारी ने भी बताया कि उन्हें इस प्रस्ताव के बारे में कोई जानकारी नहीं है और रेवंत रेड्डी के नेतृ्त्व वाली राज्य सरकार अशोक रोड पर राज्य के लिए एक नया समर्पित भवन बनाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रही है।
गौरतलब है कि 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से आंध्र प्रदेश भवन के साथ ही तेलंगाना भवन का परिसर साझा हो रहा है। एक अधिकारी ने कहा "इस समय मूर्तियों की स्थापना के साथ आगे बढ़ना उचित नहीं होगा क्योंकि नई इमारत पाइपलाइन में है।"
एनडीएमसी ने क्या कहा?
वहीं, एनडीएमसी के अध्यक्ष के मुताबिक, यह प्रस्ताव एनडीएमसी का नहीं है और परिषद को अभी इस पर निर्णय लेना है। इंडियन एक्सप्रेस ने परिषद के सूत्रों के हवाले से लिखा कि प्रस्ताव पी वी नरसिम्हा राव मेमोरियल फाउंडेशन की ओर से आया था और इसे आगे बढ़ा दिया गया है। इस प्रस्ताव में नगर निकाय को पत्र लिखा गया था जिसमें आंध्र प्रदेश के पहले सीएम तंगुतुरी प्रकाशम पंतुलु की प्रतिमा के बगल में दिवंगत पीएम की कांस्य प्रतिमा स्थापित करने के लिए स्थान मांगा गया था।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मूर्ति कब और कहां लगेगी? इस पर फैसला राजनीतिक मंजूरी के बाद ही लिया जा सकेगा।
यदि केंद्र सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो यह भाजपा द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री को मिलने वाला तीसरा सम्मान होगा। साल 2015 में केंद्र सरकार ने राजघाट कॉम्पलेक्स में एकता स्थल पर राव के लिए एक स्मारक बनाने की मंजूरी दी थी। सरकार ने फरवरी 2024 में उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा था।
राव और मनमोहन सिंह
हालांकि राव ऐसे पहले कांग्रेसी नेता नहीं हैं जिन्हें भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सम्मान दिया है। जनवरी में केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति परिसर में बनाने की मंजूरी दी थी।
राव ने साल 1991-96 के बीच प्रधानमंत्री पद सर्व किया था और वह पहले गैर नेहरू-गांधी परिवार के कांग्रेसी हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। पीएम के रूप में उन्होंने साल 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण को शामिल किया था। उनके ही कार्यकाल में साल 1992 में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं दीं।