नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ लंच पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने आतंकी संगठन अल-कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को याद रखने की बात कही है। उन्होंने कहा यही वह संगठन है जिसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2001 में हमला हुआ था जिसमें करीब 3000 लोग मारे गए थे। 

थरूर ने कहा "कुछ सीनेटर और सांसद पाक प्रतिनिधिमंडल से मिले... लेकिन अमेरिका में लोग ओसामा प्रकरण को इतनी आसानी से नहीं भूल सकते थे। इस व्यक्ति को सेना के शिविर के पास पाए जाने तक उसे छिपाने में पाकिस्तान की गलती को अमेरिकी इतनी आसानी से माफ नहीं कर सकते थे।"

थरूर ने दी चेतावनी

थरूर की यह चेतावनी भले ही सूक्ष्म थी लेकिन स्पष्ट थी कि कपटी पाकिस्तानी प्रशासन पर भरोसा न करें, क्योंकि इसने अमेरिकी इतिहास में सबसे बुरे आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को शरण दी है और भारत पर आतंकवादी हमलों का समर्थन भी किया है। 

थरूर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस अवसर का उपयोग सेना प्रमुख को 'हमारे देश (भारत) में आतंकवादियों को वित्तपोषित करने, हथियार देने, प्रशिक्षण देने और उनकी धरती से भेजने' के खिलाफ चेतावनी देने के लिए करेंगे।

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि जब जनरल असीम मुनीर को दावत दी जा रही होगी तो उन्हें ये सभी संदेश मिल गए होंगे क्योंकि यह अमेरिका के हित में भी होगा। 

ट्रंप और मुनीर के बीच हुए लंच को भारत के लिए एक खतरे के रूप में देखा रहा है क्योंकि पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने अपमानजनक और भड़काऊं टिप्पणियां की जैसे कश्मीर पाकिस्तान के "गले की हड्डी" है। इसके अलावा मुनीर ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान की संस्कृति भारतीयों की तुलना में "श्रेष्ठ" है। 

भारत ने की कड़ी निंदा

मुनीर की इन टिप्पणियों की भारत ने कड़ी निंदा की थी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक डच प्रसारक को बताया कि उस दिन 26 लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादी मुनीर के "अत्यधिक धार्मिक दृष्टिकोण" से प्रेरित थे। 

इस बीच भारत सरकार ने यह भी कहा है कि उसके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि पहलगाम हमला तथा अन्य कई हमले पाकिस्तान के अंदरून तत्वों द्वारा कराए गए थे। 

वहीं, भारत लगातार दुनिया को यह बताता रहा है कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। ट्रंप और मुनीर के बीच इस लंच की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। असीम मुनीर का व्हाइट हाउस दौरा पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की फोन पर हुई बात से अगले दिन हुआ। इससे पहले जी-7 समिट में शामिल हुए पीएम मोदी को भी व्हाइट हाउस में ट्रंप द्वारा आमंत्रित किया गया था लेकिन स्पष्ट कारणों के चलते उन्होंने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।