ऑपरेशन सिंदूर पर बोले एस जयशंकर- आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को दिखाना होगा 'जीरो टॉलरेंस'

सेना ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन का मकसद तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि आतंकी ढांचे को नष्ट करना था, जिसमें नागरिक, सैन्य और आर्थिक ढांचों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। प्रवक्ता ने कहा, "न्याय हुआ, जय हिंद।"

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'आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाए दुनिया', ऑपरेशन सिंदूर पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दोहराया। पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में 9 बड़े आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने रातभर इस ऑपरेशन पर नजर रखी। इस बीच जयशंकर ने 'एक्स' पर लिखा, "दुनिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए।"

भारतीय सेना ने पुष्टि की है कि हमले पूरी सटीकता के साथ सावधानीपूर्वक किए गए, ताकि पाकिस्तान में किसी नागरिक या सैन्य ढांचे को नुकसान न पहुंचे। इस ऑपरेशन में 22 अप्रैल के पहलगाम हमले से जुड़े आतंकी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन के दौरान शीर्ष सैन्य कमांडरों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा। आधिकारिक बयानों के मुताबिक, 9 लक्ष्यों में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सक्रिय आतंकी समूहों के कैंप और लॉजिस्टिक ठिकाने शामिल थे।

भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे हमले केंद्रित और सटीक थे। हमने केवल उन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ हमले की योजना बनाई गई थी।"

सेना ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन का मकसद तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि आतंकी ढांचे को नष्ट करना था, जिसमें नागरिक, सैन्य और आर्थिक ढांचों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। प्रवक्ता ने कहा, "न्याय हुआ, जय हिंद।"

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया था कि पहलगाम हमले के तार पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों से जुड़े हैं, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली थी। इसके जवाब में भारत ने कूटनीतिक दबाव और सैन्य तैयारियों के साथ निर्णायक कार्रवाई का वादा किया था। ऑपरेशन सिंदूर 2019 के बालाकोट हवाई हमलों के बाद भारत के सबसे बड़े सीमा-पार ऑपरेशन में से है।

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