Operation Sindoor का मसूद अजहर पर बरपा कहर, मारे गए परिवार के 10 लोग

भारतीय सेनाओं द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं। इसके साथ ही चार करीबी लोग भी मारे गए हैं।

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मौलाना मसूद अजहर Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)' में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा उसके चार करीबी भी मारे गए हैं। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद ने इसकी जानकारी दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मसूद के परिवार के सदस्य बहावलपुर जिले के मरकज सुभान अल्लाह में तैनात थे। यह जिला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पड़ता है। 

जैश-ए-मोहम्मद युवाओं को प्रशिक्षण देने का केंद्र

यह जैश-ए-मोहम्मद का युवाओं को प्रशिक्षण देने का केंद्र था। यह केंद्र 15 एकड़ में फैला था। इसी जगह पर आतंकी संगठन के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और परिवार के अन्य सदस्य रहते थे। 

गौरतलब है कि भारत ने देर रात नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक संयुक्त स्ट्राइक की थी। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को प्रमुख रूप से निशाना बनाया गया था। 

भारतीय वायुसेना ने जिन नौ जगहों को चुना उनमें चार पाकिस्तान और पांच पीओके क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। रक्षा मंत्रालय ने इस मिशन के बारे में स्पष्ट किया है कि इसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया था। 

पहलगाम आतंकी हमला

पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से यह कदम उठाया गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंट फ्रंट नामक संगठन ने ली थी। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ माना जाता है। 

इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। दोनों देशों ने एक दूसरे के खिलाफ कुछ कूटनीतिक कदम भी उठाए हैं। भारत ने सिंधु जल संधि पर अस्थायी रूप से रोक और पाकिस्तान से आने वाले सभी प्रकार के सामान पर पूर्णतः प्रतिबंध का ऐलान किया था वहीं पाकिस्तान से शिमला समझौते से खुद को अलग कर लिया था और सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी। 

22 अप्रैल के बाद से लगातार सीमा पर गोलीबारी की घटनाएं देखी जा रही हैं। 

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