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नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक सटीक और निर्णायक कार्रवाई को अंजाम दियाj था।
सूत्रों के अनुसार, इस गुप्त सैन्य ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके स्थित कम-से-कम नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया। अब पाकिस्तान में मारे गए आतंकियों की सूची सामने आई है, जिससे स्पष्ट होता है कि भारत ने इस हमले में आतंकी ढांचे को गहरी चोट पहुंचाई है।
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े पांच शीर्ष आतंकियों को ढेर किया गया। मारे गए आतंकियों में मसूद अजहर के बेहद करीबी और कुख्यात नाम शामिल हैं:
1. मुदस्सर खडियान खास, जिसे अबू जुंदाल के नाम से भी जाना जाता था, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और मुरिदके स्थित मर्कज तैयबा का प्रभारी था। उसकी मौत के बाद पाकिस्तान सेना ने उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया। उसके जनाजे में पाकिस्तान सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई। जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में अदा की गई, जिसकी अगुवाई जमात-उद-दावा के हाफिज अब्दुल रऊफ ने की, जो एक घोषित वैश्विक आतंकी है। इस जनाजे में पाकिस्तान सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के महानिदेशक (आईजी) भी शामिल हुए।
2. हाफिज मुहम्मद जमीला, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था, मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था। वह बहावलपुर स्थित मर्कज सुब्हान अल्लाह का प्रभारी था और युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने व संगठन के लिए धन जुटाने जैसे कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
3. मोहम्मद यूसुफ अजहर, जिसे उस्ताद जी, मोहम्मद सलीम और घोषी साहब के नाम से भी जाना जाता था, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था और मौलाना मसूद अजहर का साला था। वह संगठन के लिए हथियारों की ट्रेनिंग की जिम्मेदारी संभालता था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों में संलिप्त रहा है। वह भारत के चर्चित आईसी-814 विमान अपहरण मामले में भी वांछित था।
4. खालिद उर्फ अबू आकाशा लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल था। वह अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में भी शामिल था। उसकी मौत के बाद उसका जनाजा फैसलाबाद में हुआ, जिसमें पाकिस्तान सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर भी मौजूद थे।
5. मोहम्मद हसन खान, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था, कुख्यात आतंकी मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जैश का ऑपरेशनल कमांडर है। मोहम्मद हसन जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के समन्वय में प्रमुख भूमिका निभाता था।
इस कार्रवाई से मसूद अजहर के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। रणनीतिक रूप से अहम इस ऑपरेशन को लेकर अभी तक भारत की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा सूत्रों का दावा है कि यह संदेश स्पष्ट है – आतंकी हमलों का जवाब अब निर्णायक और पार-पारंपरिक होगा।
समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ