ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने किन मारक हथियारों का किया इस्तेमाल Photograph: (IANS)
नई दिल्लीः छह और सात मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पीओके के आतंकी हमलों को शिकार बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) लांच किया। यह भारत की थल सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया। इस हमले में भारत ने कई मारक हथियारों का इस्तेमाल किया।
साल 2019 के बाद सीमा पार भारत की यह पहली कार्रवाई है। 2019 में बालाकोट में वायु सेना द्वारा एयर स्ट्राइक की गई थी। इस मौके पर लंबी दूरी वाले हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। इसमें स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर प्रिसिजन बम और लॉयटरिंग म्युनिशन जैसे हथियार शामिल हैं।
क्या है हथियारों की क्षमताएं
ऐसे में इन हथियारों की क्षमता के बारे में जानेंगे।
स्कैल्प (स्टोर्म शैडो) - स्कैल्प मिसाइल को स्टोर्म शैडो के नाम से भी जाना जाता है। यह एक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल होती है। इसकी रेंज 250 किलोमीटर के करीब होती है। इसे डीप स्ट्राइक के लिए डिजाइन किया गया है।
हैमर - यह एक उच्च क्षमता वाला बम होता है। इसका इस्तेमाल आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मजबूत ढांचे वाले बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए किया गया था। यह लांच की ऊंचाई पर 50-70 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम है।
लॉयटरिंग म्युनिशन्स - इसे कामिकेज ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है। इसे निगरानी, लक्ष्य प्राप्ति और टर्मिनल स्ट्राइक भूमिकाओं के लिए तैनात किया गया था। ये ड्रोन सिस्टम लक्ष्य क्षेत्रों पर मंडराते हैं। इसके अलावा रिमोट कंट्रोल के जरिए खतरों की पहचान कर उन्हें खत्म करते हैं।
किन जगहों को बनाया गया निशाना
भारत द्वारा देर रात की गई स्ट्राइक में नौ स्थानों को निशाना बनाया गया। इन स्थानों में से चार पाकिस्तान में और पांच पीओके में स्थित हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इसमें पाकिस्तानी के सेना के ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है। इसके अलावा सभी स्थानों को चिह्नित किया गया था जहां प्रतिबंधित आतंकी संगठन संचालित होते थे।
इन जगहों में बहावलपुर शामिल है। यहां से जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है। इसका संचालन मसूद अजहर करता है। यह संगठन भारत में हुए कई हमलों का जिम्मेदार है। इसमें 2001 में हुए संसद भवन पर हमला शामिल है।
इसके अलावा लश्कर-ए-तैयबा का केंद्र माने जाने वाले मुरीदके और कोटली को भी निशाना बनाया गया था। ऐसा बताया जाता है कि 26/11 हमलों के आतंकियों ने इन्हीं ठिकानों से ट्रेनिंग ली थी।
इसके साथ ही तेहरा कलां, सियालकोट, बरनाला, कोटली, मुजफ्फराबाद के कई केंद्रों को निशाना बनाया गया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद भारत की तरफ से ये कार्रवाई की गई है। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट नामक संगठन ने ली थी। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है।