ऑपरेशन सद्भावना: भारत ने तूफान यागी से प्रभावित देश म्यांमार, वियतनाम और लाओस को पहुंचाया मदद

तूफान यागी ने उत्तरी लाओस में काफी नुकसान पहुंचाया है। अभी तक भूस्खलन, बाढ़ और स्थानीय बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने के समाचार सामने आए हैं।

एडिट
Operation Sadbhavna India started providing help to 'Typhoon Yagi' affected countries Myanmar Vietnam and Laos

ऑपरेशन सद्भावना: भारत ने तूफान यागी से प्रभावित देश म्यांमार, वियतनाम और लाओस को पहुंचाया मदद (फाइल फोटो- IANS)

नई दिल्ली: ऑपरेशन सद्भावना के तहत भारत ने म्यांमार, वियतनाम और लाओस की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। यहां तूफान 'टाइफून यागी' से जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। इसको देखते हुए भारत ने कई टन राहत सामग्री इन प्रभावित इलाकों में भेजना शुरू किया है। इस अभियान में भारतीय सशस्त्र बल भी शामिल हैं।

वियतनाम में भेजी गई है यह चीजें

भारतीय वायुसेना ने 'टाइफून यागी' के कारण आई आपदा व भीषण बाढ़ के बाद लाओस और वियतनाम (हनोई) में मानवीय सहायता और आपदा राहत संचालन अभियान शुरू किया है। प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए इंडियन एयरफोर्स ने अपने सी-17 ग्लोबमास्टर विमान को तैनात किया है।

गाजियाबाद स्थित एयरफोर्स स्टेशन हिंडन में रविवार को सी-17 टीम द्वारा तेज और कुशल लोडिंग और समन्वय किया गया। यहां से वियतनाम के लिए जल शोधन सामग्री, पीने का पानी, कंबल, रसोई के बर्तन, सौर लालटेन सहित 35 टन सामग्री की सहायता भेजी गई है।

लाओस के लिए भेजी गई है यह मदद

वहीं, लाओस के लिए 10 टन सहायता सामग्री भेजी गई है। लाओस के लिए भेजी गई इस सहायता सामग्री में जेनसेट, जल शोधन आइटम, स्वच्छता आपूर्ति, मच्छरदानी, कंबल और स्लीपिंग बैग शामिल हैं।

मदद के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर को किया गया है तैनात

इंडियन एयर फोर्स का कहना है कि इस ऑपरेशन में शामिल सी-17 ग्लोबमास्टर विमान, अपनी बड़ी कार्गो क्षमता और लंबी दूरी की क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं। आमतौर पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री, आवश्यक आपूर्ति और कर्मियों को पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर उपयोग में लाए जाते हैं।

तूफान 'यागी' ने उत्तरी लाओस में काफी नुकसान पहुंचाया है। अभी तक भूस्खलन, बाढ़ और स्थानीय बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने के समाचार सामने आए हैं। इसी आपदा को देखते हुए म्यांमार, वियतनाम और लाओस के लिए राहत सामग्री भेजी गई है।

(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article