नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले पर तीखी बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने 'ऑपरेशन महादेव' को सफलतापूर्वक अंजाम देने पर अपनी बात रखी जिसमें पहलगाम हमले के जिम्मेदार तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया। शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सरकार की दृढ़ता और कांग्रेस के कथित नरम रुख पर कई बड़े बयान दिए।
अमित शाह ने कहा कि सोमवार को सुरक्षा बलों ने 'ऑपरेशन महादेव' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार तीनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को पूरी छूट दी थी, और सेना ने लश्कर-ए-तैयबा को छिन्न-भिन्न कर दिया। जिन लोगों ने आतंकी हमला किया, वे भी मारे गए और उनके सरगना भी ढेर कर दिए गए।"
आतंकियों के सीधे सिर में मारी गई गोली
भावुक लहजे में शाह ने बताया, "आतंकियों ने हमारे लोगों के सिर में गोली मारी थी। देश भर से लोगों के संदेश आए थे - 'कृपया, शहीदों के परिजनों के लिए, इन आतंकियों के सिर में गोली मारी जाए'। संयोग देखिए, तीनों आतंकियों के एनकाउंटर के वक्त गोली सीधे सिर में ही लगी।"
गृह मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' के तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "जब 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' एक साथ होते हैं, तो यह दुनिया के सभी आतंकवादी हमलों में सबसे सटीक और त्वरित जवाब बन जाता है, जो पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के सुरक्षाबलों ने दिया है।" उन्होंने यह भी बताया कि पहलगाम में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई राइफलें और 44 कारतूस बरामद हुए हैं, जिनकी साइंटिफिक जांच से पुष्टि हुई है कि इन्हीं का इस्तेमाल हमले में हुआ था। कैमरे से आतंकियों के चेहरों का मिलान भी हो चुका है।
कांग्रेस पर तुष्टिकरण और आतंकवादियों को बचाने का आरोप
अमित शाह ने कांग्रेस पर आतंकवाद के खिलाफ नरम रुख अपनाने और वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के राज में दाऊद इब्राहिम, सैयद सलाउद्दीन, टाइगर मेमन, अनीस इब्राहिम, इकबाल भटकल और मिर्जा सादाब बेग जैसे कुख्यात आतंकवादी देश छोड़कर भागे थे। इसका हिसाब कौन देगा? उनको मालूम था कि इसका हिसाब देना पड़ेगा और इसलिए उन्होंने सदन का बहिष्कार कर दिया। पहले आतंकवादियों को भगाया और अब वे खुद भी भाग गए।"
शाह ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और सोनिया गांधी की बाटला हाउस मुठभेड़ पर की गई टिप्पणी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "मुझे याद है, एक सुबह नाश्ते के दौरान मैंने टीवी पर सलमान खुर्शीद को रोते हुए देखा। वह सोनिया गांधी के आवास से निकल रहे थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी पूरी रात सो नहीं पाती हैं और उनकी आंख में आंसू देखकर मेरी आंख में आंसू आते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि अगर सोनिया गांधी सचमुच आंसू बहाना चाहती थीं, तो उन्हें बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए मोहन शर्मा के लिए बहाना चाहिए था। आप आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं?"
उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा, जिन्होंने 'ऑपरेशन महादेव' में शामिल आतंकियों के पाकिस्तानी होने का सबूत मांगा था। शाह ने चिदंबरम से पूछा, "आप किसको बचाना चाहते थे? पाकिस्तान को, लश्कर-ए-तैयबा को या आतंकवादियों को। आपको शर्म नहीं आती। जिस दिन उन्होंने (चिदंबरम) सवाल पूछा, उसी दिन आतंकियों का 'हर हर महादेव' हो गया। उसी दिन तीनों आतंकवादी ढेर हो गए। चिदंबरम ने कांग्रेस पार्टी की ये मानसिकता पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दी।"
मुंबई हमले के बाद दिग्विजय सिंह के उस बयान पर भी शाह ने सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमला आरएसएस ने कराया है। उन्होंने गर्व से कहा, "मैं आज दुनिया के सामने, देश की जनता के सामने गर्व से कहता हूं कि हिंदू कभी टेररिस्ट नहीं हो सकता।"
'हर हर महादेव' पर आपत्ति? इतिहास भूल रही कांग्रेस: शाह
अमित शाह ने कांग्रेस द्वारा 'ऑपरेशन महादेव' के नाम को "धार्मिक" बताने पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, "क्या वे भूल गए हैं कि 'हर हर महादेव' तो शिवाजी महाराज की सेना का युद्ध घोष था? 'हर हर महादेव' बोलकर ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी।"
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा, "पीएम मोदी की दूरदर्शिता के लिए बहुत-बहुत साधुवाद देना चाहता हूं। उनका बोला एक-एक शब्द आज सच हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आतंकवादियों की बची-खुची जमीन भी मिट्टी में मिला देंगे, आज उनके ट्रेनिंग सेंटर और हेडक्वार्टर मिट्टी में मिलकर जमींदोज हो गए हैं।"
आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर का संकल्प
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में आए सुधार पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, "जम्मू-कश्मीर में 2010 से 2015 के बीच 2,564 पथराव की घटनाएं हुई थीं। 2024 के बाद एक भी घटना नहीं हुई। ऑर्गेनाइज हड़ताल - जो पाकिस्तान में बैठे हुर्रियत के आका ऐलान करते थे और सालाना 132 दिन घाटी बंद रखते थे। तीन साल से एक भी हड़ताल का ऐलान नहीं हुआ है। अब हिम्मत नहीं है।"
उन्होंने सदन में दृढ़ता से कहा, "मैं आज इस सदन में खड़े होकर वादा करता हूं कि जम्मू-कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होगा। यह नरेंद्र मोदी सरकार का संकल्प है।" उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि कांग्रेस की प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद का खात्मा नहीं, बल्कि वोट बैंक और तुष्टिकरण है।