मुजफ्फरनगर कावड़ यात्रा नेमप्लेट आदेश पर BJP नेता नकवी ने उठाया है सवाल, मायावती ने निर्देश वापस लेने को कहा

बसपा प्रमुख मायावती ने भी यूपी पुलिस से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।

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On the Muzaffarnagar Kavad Yatra nameplate controversy BJP leader Naqvi raised quiestion Mayawati demanded withdrawal of the order

कांवड़ मार्ग में दुकानों पर नाम लिखने का आदेश, नकवी बोले- 'जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात' (फोटो- IANS)

लखनऊ: 22 जुलाई से शुरू हो रही कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नया आदेश जारी किया है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकान और रेस्टोरेंट के मालिक को अपने नाम का बोर्ड लगाने का आदेश जारी किया है। जिसको लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है।

विपक्ष के नेता यूपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। यूपी पुलिस के इस फैसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सवाल उठाए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुजफ्फरनगर में पुलिस द्वारा जारी आदेश को लेकर यह टिप्पणी की है।

नकवी ने क्या कहा है

मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को एक्स पर लिखा, ''कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाली... अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं... आस्था का सम्मान होना ही चाहिए, पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए... जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात। रैदास पूत सब प्रभु के, कोए नहिं जात कुजात।'' उधर, प्रशासन के फैसले के बाद कई दुकानदार अपनी दुकान पर अपने नाम का बोर्ड लटका भी चुके हैं।

कांग्रेस ने भी उठाया है सवाल

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''कांवड़ यात्रा के रूट पर फल सब्ज़ी विक्रेताओं व रेस्टोरेंट ढाबा मालिकों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना आवश्यक होगा। यह मुसलमानों के आर्थिक बॉयकॉट की दिशा में उठाया गया कदम है या दलितों के आर्थिक बॉयकॉट का, या दोनों का, हमें नहीं मालूम। जो लोग यह तय करना चाहते थे कि कौन क्या खाएगा, अब वो यह भी तय करेंगे कि कौन किस से क्या ख़रीदेगा? जब इस बात का विरोध किया गया तो कहते हैं कि जब ढाबों के बोर्ड पर हलाल लिखा जाता है तब तो आप विरोध नहीं करते। इसका जवाब यह है कि जब किसी होटल के बोर्ड पर शुद्ध शाकाहारी भी लिखा होता है तब भी हम होटल के मालिक, रसोइये, वेटर का नाम नहीं पूछते।"

मायावती ने आदेश को वापस लेने की मांग की है

बसपा प्रमुख मायावती ने भी यूपी पुलिस से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परंपरा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले। इसी प्रकार, यूपी के संभल जिला प्रशासन द्वारा बेसिक सरकारी स्कूलों में शिक्षक व छात्रों को कक्षा में जूते-चप्पल उतारकर जाने का यह अनुचित आदेश भी काफी चर्चा में है। इस मामले में भी सरकार तुरंत ध्यान दे।''

(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)

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