अंबेडकर मुद्दे पर जारी सियासत पर मायावती बोली, 'कांग्रेस-भाजपा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे'

मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस सिर्फ बाबासाहब के नाम का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उनकी नीतियां गरीब और वंचित वर्ग के हित में नहीं होतीं।

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On ongoing politics over Ambedkar controversy, Mayawati said Congress-BJP are in the same bag

अंबेडकर मुद्दे पर जारी सियासत पर मायावती बोली, ‘कांग्रेस-भाजपा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे’ (फोटो- IANS)

लखनऊ: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाबासाहब अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर घमासान जारी है। इस मामले में भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।

इसी बीच रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बाबासाहब अंबेडकर का नाम लेकर उनके अनुयायियों के वोट के स्वार्थ की राजनीति करने में कांग्रेस और भाजपा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।

बसपा प्रमुख मायावती ने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में किए अनादर को लेकर देश भर में लोगों में आक्रोश है। लेकिन, कांग्रेस का इसको लेकर उतावलापन विशुद्ध छलावा और स्वार्थ की राजनीति है।

मायावती ने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस सिर्फ बाबासाहब के नाम का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उनकी नीतियां गरीब और वंचित वर्ग के हित में नहीं होतीं।

बता दें, बाबासाहब अंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में बसपा ने 24 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। इससे पहले अमित शाह के बयान को लेकर विपक्ष ने माफी की मांग की थी। मायावती ने भी एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री से उनके बयान पर माफी मांगने की बात कही थी।

मायावती ने कई पोस्ट कर भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा है

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''परमपूज्य बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अमित शाह द्वारा संसद में किए अनादर को लेकर देश भर में लोगों में भारी आक्रोश है। लेकिन, उनकी उपेक्षा व देशहित में उनके संघर्ष को हमेशा आघात पहुंचाने वाली कांग्रेस पार्टी का इसको लेकर उतावलापन विशुद्ध छलावा व स्वार्थ की राजनीति है।''

दूसरे पोस्ट में बसपा सुप्रीमो ने लिखा, ''बाबासाहब का नाम लेकर उनके अनुयायियों के वोट के स्वार्थ की राजनीति करने में कांग्रेस और भाजपा आदि पार्टियां एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं व बाबासाहब के आत्म-सम्मान के कारवां को आगे बढ़ने से रोकने के लिए सभी पार्टियां बीएसपी को आघात पहुंचाने के षड्यंत्र में लगी रहती हैं।''

आखिरी पोस्ट में मायावती ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ''वास्तव में बाबासाहब सहित बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं, महापुरुषों को भरपूर आदर-सम्मान केवल बीएसपी की सरकार में ही मिल पाया, जो इन जातिवादी पार्टियों को हजम नहीं। खासकर सपा ने तो द्वेष के तहत नए जिले, नई संस्थाओं और जनहित योजनाओं आदि के नाम भी बदल डाले।''

अमित शाह ने बाबासाहब अंबेडकर को लेकर क्या कहा था

मंगलवार को राज्यसभा में अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी केवल अंबेडकर का नाम लेती है, लेकिन उनके सिद्धांतों के विपरीत काम करती है।

अमित शाह ने कहा था, “अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। अंबेडकर कहना एक फैशन बन गया है। अगर उन्होंने इतनी बार भगवान का नाम लिया होता, तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती।”

गृह मंत्री ने कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अब चाहे आंबेडकर का नाम सौ बार ज्यादा लो लेकिन साथ में अंबेडकर के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं।

अमित शाह ने कहा, आंबेडकर देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया। अंबेडकर ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं। सरकार की विदेश नीति और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूं। उनको आश्वासन दिया गया। आश्वासन पूरा नहीं होने पर इस्तीफा दे दिया।

शाह के राज्यसभा में दिए बयान की क्लिप को अगले दिन कांग्रेस ने एक्स पर साझा किया। कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री पर बाबासाहब का अपमान करने का आरोप लगाया और माफी व इस्तीफे की मांग की। शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन इसी विवाद के साथ समाप्त हुआ।

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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