साल के पहले दिन किसानों को तोहफा, फसल बीमा योजनाओं को 2025-26 तक बढ़ाया गया

विंड्स के तहत ब्लॉक स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन और पंचायत स्तर पर स्वचालित रेन गेज लगाए जा रहे हैं।

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on new year 2025 PM Modi Increasing crop insurance will provide more protection to farmers' crops:

फसल बीमा बढ़ाने से किसानों की फसलों को ज्यादा सुरक्षा मिलेगी : पीएम मोदी (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने साल की पहली बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "नए वर्ष का पहला निर्णय हमारे देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों को समर्पित है। हमने फसल बीमा के लिए आवंटन बढ़ाने को मंजूरी दी है। इससे जहां अन्नदाताओं की फसलों को और ज्यादा सुरक्षा मिलेगी, वहीं नुकसान की चिंता भी कम होगी।"

फसल बीमा योजना के लिए 69,515.71 करोड़ रुपए होंगे जारी

इस योजना के तहत कुल 69,515.71 करोड़ रुपए का व्यय 2021-22 से 2025-26 तक निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बढ़ाने और दावों के आकलन तथा सेटलमेंट में बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के समावेश के लिए मंत्रिमंडल ने 824.77 करोड़ रुपए के कोष के साथ 'नवाचार एवं प्रौद्योगिकी कोष' (एफआईएटी) के निर्माण को भी मंजूरी दी है।

इस कोष का इस्तेमाल येस-टेक और विंड्स (डब्ल्यूआईएनडीएस) जैसी योजनाओं के तहत तकनीकी नवाचारों के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास कार्यों के वित्तपोषण में मदद करेगा।

येस-टेक प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमानों के लिए रिमोट सेंसिंग का उपयोग करता है। इसका उद्देश्य उपज अनुमान के लिए कम से कम 30 प्रतिशत वेटेज टेक्नोलॉजी आधारित अनुमान को देना है। वर्तमान में, यह प्रणाली नौ प्रमुख राज्यों—आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक में लागू है।

साथ ही अन्य राज्यों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल बढ़ने से फसल अनुमान के लिए क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट और संबंधित तरीके इतिहास की बात हो जाएंगे। मध्य प्रदेश ने 100 प्रतिशत प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान को अपनाया है।

विंड्स के तहत ब्लॉक और पंचायत स्तर पर स्थापित किए जा रहे हैं स्वचालित रेन गेज

इसके अलावा, विंड्स (मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम) के तहत ब्लॉक स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन और पंचायत स्तर पर स्वचालित रेन गेज स्थापित किए जा रहे हैं। नौ प्रमुख राज्यों - केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड और राजस्थान में विंड्स को लागू किया जा रहा है।

साथ ही जल्दी ही अन्य राज्यों में भी इसे लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 90:10 के अनुपात में उच्च केंद्रीय निधि साझा करने का निर्णय लिया है, ताकि राज्य सरकारों को इसका लाभ मिल सके।

केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को प्राथमिकता देने के भी प्रयास किए हैं। केंद्र पूर्वोत्तर राज्यों के साथ प्रीमियम सब्सिडी का 90 प्रतिशत हिस्सा साझा करता है। इससे इन राज्यों में किसानों को अधिक लाभ मिलता है।

(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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