नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सिंधु प्रणाली की तीन पश्चिमी नदियों से अतिरिक्त जल को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की ओर मोड़ने की केंद्र सरकार की योजना ने नया विवाद शुरू कर दिया है। नदी के जल को जम्मू-कश्मीर से नीचे तटवर्ती राज्यों की ओर मोड़ने के लिए प्रस्तावित 113 किलोमीटर लंबी नहर को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपत्ति जताई है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह इसकी इजाजत कभी नहीं देंगे। समाचार एजेंसी एएनआई से जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं कभी इसे मंजूर नहीं करूंगा। पहले हम अपने पानी का इस्तेमाल अपने लिए करें...जम्मू में सूखे जैसी स्थिति है। मुझे पंजाब को पानी क्यों भेजना चाहिए? सिंधु जल संधि के तहत पंजाब के पास पहले से ही पानी है। क्या उन्होंने हमें तब पानी दिया जब हमें इसकी जरूरत थी?'

उमर अब्दुल्ला के बयान पर कांग्रेस नाखुश!

अब्दुल्ला के इस बयान के बाद कांग्रेस के अंदर से इसे लेकर नाराजगी जताई गई है। पंजाब के कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपनी निराशा व्यक्त की। कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, 'इस तरह के बयान देकर उन्हें देशभक्ति को कम नहीं करना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानियों ने जम्मू-कश्मीर से ज्यादा पंजाब पर हमला किया था। जब तक पंजाब और उसके किसानों की देशभक्ति मजबूत रहेगी, तब तक भारत मजबूत रहेगा...मैं उनके बयान से बहुत निराश हूँ।'

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि सिंधु नदी का पानी 'तीन साल के भीतर' नहरों के माध्यम से राजस्थान के श्रीगंगानगर तक लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विस्तारित सिंचाई नेटवर्क से देश के बड़े हिस्से को लाभ मिलेगा, जबकि पाकिस्तान को 'पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ेगा।'

वहीं, घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित चिनाब-रावी-ब्यास-सतलज लिंक को जम्मू, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 13 स्थानों पर मौजूदा नहर प्रणालियों के साथ एकीकृत करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। इससे इंदिरा गांधी नहर (सतलज-ब्यास) में पानी पहुंचाया जा सके।