भारतीय राइडशेयरिंग कंपनी ओला इलेक्ट्रिक नुकसान की भरपाई करने के लिए एक हजार कर्मचारियों की छंटनी करेगी। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर घाटे को भरने की कोशिश कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी में कटौती खरीद, पूर्ति, उपभोक्ता व्यवहार और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कई विभागों में हो सकती है। यह पांच महीनों के भीतर कंपनी का दूसरा ले-ऑफ होगा। दिसंबर की तिमाही में कंपनी को 50 प्रतिशत का घाटा हुआ है। हाल ही में यह उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की नजरों में आई है।
नवंबर में भी हुई थी छंटनी
इस रिपोर्ट के मुताबिक, बीते नवंबर में हुई फायरिंग में करीब 500 कर्मचारियों की छंटनी हुई थी। कंपनी अपने ग्राहक संबंध संचालन के कुछ हिस्सों को स्वचालित कर रही है। ऐसे में व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार, छंटनी की योजना को भी समय के अनुसार बदल सकती है।
भले ही कंपनी बाजार में अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों से आगे रहती थी लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक अब बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर से पिछड़ती दिख रही है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी ने कुछ दिनों पहले निवेशकों को सूचित किया था फरवरी महीने में इसके वाहन पंजीकरण प्रभावित होंगे क्योंकि कंपनी लागत कम करने और दक्षता में सुधार करने की कोशिश कर रही है।
कंपनी के शेयरों में भी दर्ज की गई गिरावट
ओला इलेक्ट्रिसिटी के शेयर 3.25 प्रतिशत तक गिरे हैं। यह कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के तहत सूचीबद्ध है। इसके शेयर की कीमत 55 रुपये के करीब है जो कि 1.85 रुपये की कमी को दर्शाता है।
बीते साल अगस्त में कंपनी ने आईपीओ लांच किया था। ऐसे में इसके शेयर्स में अब तक 60 प्रतिशत की कमी देखने को मिल रही है।
कंपनी साल 2010 में मुंबई में लांच की गई थी। इसकी स्थापना भाविष अग्रवाल और अंकित भाटी ने की थी। पहले यह यूजर्स को सिर्फ टैक्सी सुविधाएं देती थी। बाद में विस्तार के बाद इसमें मोटर व्हीकल और इलेक्ट्रिकल व्हीकल राइड भी जोड़ी गईं।