ओडिशा: पुरी में नाबालिग लड़की पर हमला पूर्व नियोजित? शुरुआती जांच में क्या बात आई सामने, जांच के लिए SIT गठित

पुलिस के अनुसार, पीड़िता की माँ महमूदा बीबी ने शिकायत दर्ज कराई कि कुछ अज्ञात बदमाश उसकी बेटी को जबरन नदी के किनारे ले गए और मिट्टी का तेल एवं पेट्रोल छिड़ककर उसे जान से मारने की कोशिश की।

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भुवनेश्वरः ओडिशा के पुरी जिले में एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को जिंदा जलाने की सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है। प्राथमिक जांच के मुताबिक यह हमला पूरी तरह पूर्वनियोजित लगता है। पीड़िता एक अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखती है और इस समय भुवनेश्वर स्थित एम्स के ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रही है।

यह दिल दहला देने वाली घटना शनिवार सुबह पुरी जिले के बालंगा थाना क्षेत्र में हुई। पीड़िता अपनी सहेली के घर जा रही थी, तभी बाइक सवार तीन युवकों ने उसे रास्ते में रोका, रुमाल से उसका मुंह दबाकर अगवा कर लिया और उसे भगवती नदी के किनारे ले गए। वहां उसे ज्वलनशील पदार्थ (संभवतः केरोसिन) डालकर आग के हवाले कर दिया गया।

झुलसी हुई हालत में लड़की किसी तरह पास के गांव तक भागी और मदद की गुहार लगाई। गांव के एक निवासी दुखिश्याम सेनापति ने उसे देखा और तत्परता से आग बुझाई। उन्होंने पीड़िता को अपने घर ले जाकर प्राथमिक उपचार दिया और नए कपड़े पहनाए।

सेनापति ने बताया, "जब मैंने आग बुझाई तो लड़की ने रोते हुए बताया कि तीन लड़कों ने उसे जबरन अगवा किया और फिर आग लगा दी। मैंने हमलावरों को तलाशने की कोशिश की लेकिन तब तक वे भाग चुके थे।"

पुलिस ने क्या बताया?

घटना के बाद डीआईजी पिनाक मिश्रा, जो पुरी के कार्यकारी एसपी भी हैं, ने मौके पर पहुंचकर जांच की। घटनास्थल से दो बोतल ज्वलनशील पदार्थ बरामद हुए हैं। पुलिस को शक है कि हमला सुनियोजित था और हमलावरों को पीड़िता की दिनचर्या की जानकारी थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा, "घटना सुबह करीब 8:30 बजे हुई। इससे साफ है कि हमलावर उसकी गतिविधियों से वाकिफ थे और पूरी तैयारी के साथ आए थे। सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।"

पुलिस ने अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है लेकिन कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। पीड़िता करीब 70% तक झुलस चुकी है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।

जांच के लिए एसआईटी गठित

जांच में तेजी लाने और अपराधियों का पता लगाने के लिए बलंगा आईआईसी दिव्य रंजन पांडा के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। पुलिस ने कहा कि जांच जारी है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, एम्स भुवनेश्वर के बाहर पीड़िता के समर्थन में बीजेडी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। बीजेपी के भी कुछ कार्यकर्ता वहां मौजूद दिखे। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में भाजपा और कांग्रेस-बीजद के कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक देखा गया।

वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बालासोर के बाद पुरी के बलंगा में एक और चौंकाने वाली घटना हुई है, जहां एक नाबालिग लड़की को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने गहन जांच शुरू कर दी है। लड़की का फिलहाल एम्स भुवनेश्वर में इलाज चल रहा है और डॉक्टर उसकी जान बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। हम संबंधित विभागीय अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं और उसके स्वास्थ्य और इलाज पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

विपक्ष की राज्य में आपातकाल लागू करने की मांग

बीजद सांसद अमर पटनायक घटना पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि ओडिशा में एक के बाद एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही हैं… राज्य की छवि खराब हो रही है, ऐसा लग रहा है कि यहां कानून का राज नहीं है। अपराधियों को किसी का डर नहीं। पीड़िता सड़क पर चल रही थी, उसे जबरन खींचकर पेड़ से बांधा गया और दिनदहाड़े आग के हवाले कर दिया गया। यह कानून-व्यवस्था की पूरी विफलता है। पटनायक ने आगे कहा कि सरकार कुछ नहीं कर पा रही। अपराधियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए कि कोई अपराध करने से पहले सौ बार सोचे।

उधर, बीजद नेता लेखश्री समंतसिंघर ने कहा कि ओडिशा में कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है। बीजेपी सरकार राज्य को संभालने में पूरी तरह असफल है। महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हर दिन अपराधियों की बलि चढ़ाई जा रही है और सरकार चुप है। उपमुख्यमंत्री प्रवाति परिदा की ही विधानसभा सीट से ये घटना सामने आई है और उनकी चुप्पी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। हम मांग करते हैं कि पूरी सरकार इस्तीफा दे और राज्य में आपातकाल लागू किया जाए।"

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