ओडिशा: सेना अधिकारी की मंगेतर ने पुलिस थाने में मारपीट और यौन उत्पीड़न का लगाया आरोप, जानें क्या है पूरा मामला?

घटना को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, यह घृणित घटना पूरी मानवता को शर्मसार करने वाली है। भाजपा सरकार में महिलाओं के विरुद्ध अपराध पूरी तरह से बेकाबू और निरंकुश हो चुका है।

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Army officer's fiancée alleges assault at Odisha police station, CMO assures action

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- IANS)

भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सेना की एक अधिकारी की मंगेतर ने पुलिस वालों पर यौन उत्पीड़न और मारपीट का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस थाने में अधिकारियों द्वारा उसके साथ मारपीट और छेड़छाड़ की गई है।

मामले के सामने आने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा कार्रवाई के आदेश दिए हैं। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना की निंदा की और अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक जांच कराने की मांग की है।

उधर कांग्रेस ने भी इसे लेकर राज्य की भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है, इस तरह की घटना से देश के महिला सशक्तिकरण के दावों की पोल खुलती है।

मंगेतर ने क्या आरोप लगाए हैं

मंगेतर ने आरोप लगाया है कि उसके मंगतेर (यानी सेना के अधिकारी) को पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। महिला ने बताया कि उसके विरोध करने पर उसके साथ थाने में मारपीट और छेड़छाड़ की गई है।

आरोप के तहत हिरासत का विरोध करने पर दो महिला पुलिस द्वारा उसे जमकर पीटा गया और उसे थाने के गलियारे में घसीटा भी गया है। महिला ने बताया कि उसने हाथापाई के दौरान उसने एक अधिकारी के हाथ में दांत भी काट ली थी जो उसके गर्दन को पकड़ने की कोशिश कर रहा था।

पीड़ित महिला ने यह भी बताया है कि पुलिस वालों ने उसके हाथ पैर बांधकर उसे एक कमरे में बंद कर दिया था। आरोप है कि एक पुरुष अधिकारी ने बाद में महिला के कमरे में घूसा था और उसके सीने में कई बार लात से हमला किया था।

महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि पीटाई के बाद एक प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) भी उस कमरे में आया था और उसने अपनी गुप्त अंगों को दिखाकर उसे चुप रहने की धमकी दी थी।

क्या है पूरा मामला

रविवार को पश्चिम बंगाल में तैनात सेना का एक अधिकारी और उनकी मंगेतर ने ओडिशा के भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराने गई थी। अधिकारी और उसकी मंगेतर स्थानीय युवकों को लेकर एक रोड रेज की घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस थाने गए थे।

आरोप है कि शिकायत दर्ज करने को लेकर सेना की अधिकारी, उसकी मंगेतर और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस हो गई थी।

बहस के बीच पुलिस वालों ने अधिकारियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के आरोप में अधिकारी के मंगेतर को गिरफ्तार कर लिया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके साथ यह घटना घटी है। बता दें कि गुरुवार को उड़ीसा हाई कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है जिसके बाद उसकी रिहाई हुई है।

ओडिशा सरकार ने दिए जांच के आदेश

ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने महिला के आरोप को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांज को क्राइम ब्रांच को सौंपा है। अपराध शाखा को इस पर जल्द ही रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है।

सीएमओ ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराई है और वादा किया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

घटना को लेकर ओडिशा राज्य महिला आयोग ने भी जांच शुरू कर दी है। आयोग की अध्यक्ष मिनाती बेहरा ने संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा भी किया है और मामले से जुडे़ सभी दस्तावेजों की जांच भी की है। यही नहीं आयोग महिला से मिलने और अपराध शाखा से इस बारे में और जानकारी जुटाने की भी योजना बना रही है।

पूर्व सीएम ने भी दी है प्रतिक्रिया

घटना पर बोलते हुए ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुलिस के व्यवहार को चौंकाने वाला और उसे अस्वीकार्य बताया है। वहीं पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने भी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

वीके सिंह ने इसे "शर्मनाक और भयावह" बताया है और इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस ने क्या कहा है

घटना को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ओडिशा में घटित भयंकर घटना ने देश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस से मदद मांगने गए एक सेना अधिकारी को बेरहमी से पीटा गया और उनकी मंगेतर को कस्टडी में उत्पीड़ित किया गया। यह घृणित घटना पूरी मानवता को शर्मसार करने वाली है।"

राहुल ने आगे लिखा, "भाजपा सरकार में महिलाओं के विरुद्ध अपराध पूरी तरह से बेकाबू और निरंकुश हो चुका है। जब सरकारी तंत्र के ही भीतर अन्याय पनपता और शरण पाता है तो आम नागरिक सहायता की आस किससे लगाए? इस घटना के सभी दोषी सख्त से सख्त कानूनी सजा के पात्र हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर आज भारत की जनता, खासकर महिलाओं के समक्ष न्याय और सुरक्षा की मिसाल पेश करने की दरकार है।"

प्रियंका गांधी वाड्रा ने क्या प्रतिक्रिया दी है

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ओडिशा की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, "ओडिशा में पुलिस से मदद मांगने गए सेना के ऑफिसर की मंगेतर के साथ पुलिस ने जिस तरह बर्बरता और यौन हिंसा की, उससे पूरा देश स्तब्ध है। अयोध्या में गैंगरेप पीड़ित दलित लड़की के साथ पुलिस ने अन्यायपूर्ण बर्ताव किया और न्याय दिलाने की जगह उस पर ही दबाव बनाया, क्योंकि खबरों के अनुसार आरोपी भाजपा से जुड़े हैं।"

प्रियंका ने आगे लिखा, "देशभर में भाजपा की सरकारें पुलिस को रक्षक से भक्षक बना देने की नीति पर काम कर रही हैं। भाजपा सरकारों में महिला अपराधों के प्रति पुलिस का आपराधिक रवैया दरअसल सत्ताधारियों का संरक्षण पाकर फलता-फूलता है। ऐसे हालात में देश की महिलाएं सुरक्षा और न्याय के लिए क्या करें, कहां जाएं?"

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