नई दिल्लीः राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) पर हाल ही में कई परीक्षाओं में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। इसके चलते छात्र और अभिभावक इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ये भी कहा जा रहा था कि एनटीए एक निजी संस्था है और सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत नहीं आती। एजेंसी ने इन दावों को गलत बताया है।
एक्स पर एक पोस्ट में एनटीए ने कहा कि सरकारी कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में दाखिला लेने के लिए होने वाली परीक्षाओं का आयोजन करने के लिए साल 2018 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की स्थापना की गई। यह एक स्वायत्त संस्था है, यानि सरकार के नियंत्रण में तो है लेकिन अपना काम खुद करती है।
National Testing Agency (NTA) has been established as an autonomous and self-sustained premier testing organization. pic.twitter.com/itHMQLFWCo
— National Testing Agency (@NTA_Exams) June 28, 2024
पोस्ट में आगे कहा गया, इसी के तहत, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत एनटीए को एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया है। पंजीकरण संख्या S/ND/914/2018 दिनांक 15-05-2018 है।
एनटीए ने आगे बताया कि शुरुआत में इसे उन परीक्षाओं को कराने का काम सौंपा गया था जो पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) कराता था। यह भारत सरकार के आदेश एफ. नंबर 35-5/2017-TS.1 दिनांक 05-09-2018 के अनुसार अनुसार हुआ था।
एजेंसी ने कहा कि एनटीए सरकार या संबंधित संस्थाओं के निर्देश पर ही परीक्षाएं आयोजित करती है। उदाहरण के लिए, CUET (UG) और CUET (PG) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से कराई जाती हैं। यह बताना जरूरी है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत एनटीए एक सार्वजनिक प्राधिकरण के रूप में आता है। इसका मतलब है कि आप इसके द्वारा ली गई परीक्षाओं से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए आरटीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बता दें कि एनटीए ने यह जानकारियां सोशल मीडिया पर उन दावों के बीच किया है जिसमें कहा जा रहा था कि एनटीए एक निजी संस्था है और सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत नहीं आती।
वरिष्ठ पत्रकार पंकज पचौरी ने एनटीए के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकरण प्रमाणपत्र को साझा करते हुए कहा कि यह जानकर धक्का लगा कि एक निजी संस्था छात्रों के भविष्य का फैसला कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह आरटीआई के दायरे में नहीं आती है तो इसका मतलब है कोई सूचना नहीं, कोई सार्वजनिक निगरानी नहीं और कोई जवाबदेही नहीं।
If you think NTA is covered under RTI and complying to the law, look again.
1- It has not published any RTI reply since December 2020. Making RTI replies public is a requirement of the Act as a legal bounding.
No explanation anywhere, no accountability. pic.twitter.com/izrdoxesus— Pankaj Pachauri (@PankajPachauri) June 26, 2024
हालिया नीट यूजी और यूजीसी नेट परीक्षा विवादों के मद्देनजर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह जांच 5 मई 2024 को कुछ राज्यों में आयोजित नीट-यूजी 2024 परीक्षा के दौरान हुई खास घटनाओं पर केंद्रित है। सीबीआई ने इस मामले के सिलसिले में गुरुवार को पटना से मनीष प्रकाश और आशुतोष नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है।