भारत-चीन सीमा विवाद: एनएसए अजीत डोभाल जल्द करेंगे चीन दौरा, शांति वार्ता पर जोर

इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा था कि भारत-चीन के बीच कूटनीतिक प्रयासों के कारण संबंधों में सुधार हुआ है।

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NSA Ajit Doval will visit China soon India-China border dispute emphasis on special representative talks

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल जल्द ही चीन का दौरा कर सकते हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने और दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए विशेष प्रतिनिधि वार्ता को आगे बढ़ाना है। यह यात्रा दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में हो सकती है।

अंग्रेजी वेबसाइट फर्स्टपोस्ट की खबर के मुताबिक, डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत इस वार्ता में शामिल होंगे। यह तंत्र 2003 में सीमा विवाद का समाधान खोजने के लिए बनाया गया था।

इसके तहत अब तक 22 दौर की औपचारिक वार्ताएं हो चुकी हैं। अंतिम वार्ता 2019 में हुई थी। अप्रैल-मई 2020 में एलएसी पर तनाव बढ़ने के बाद विशेष प्रतिनिधियों ने कई बार बातचीत की थी।

खबर के अनुसार 21 अक्टूबर 2024 को डेमचोक और देपसांग के विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाया गया था। यह प्रगति डोभाल और वांग यी की 12 सितंबर को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुई मुलाकात के बाद हुई।

इसके अलावा 23 अक्टूबर को रूस के कज़ान में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी सीमा विवाद को सुलझाने पर सहमति बनी थी।

जी-20 शिखर सम्मेलन में एस. जयशंकर और वांग यी के बीच बातचीत हुई थी

खबर में यह भी बताया गया है कि 18 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत हुई।

इसके दो दिन बाद 20 नवंबर को आसियान रक्षा मंत्रियों-प्लस बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून से मुलाकात की। इन बैठकों में सीमा पर शांति बनाए रखने और द्विपक्षीय संबंध सामान्य करने पर सहमति बनी।

पांच दिसंबर 2024 को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक नई दिल्ली में हुई। इसमें दोनों देशों ने विवादित क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के उपायों पर चर्चा की। इसी बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बयान देते हुए पूर्वी लद्दाख में तनाव खत्म होने और भारत-चीन संबंधों में सुधार की जानकारी दी।

संसद में जयशंकर ने क्या कहा है

एस. जयशंकर ने संसद में कहा कि भारत-चीन के बीच कूटनीतिक प्रयासों के कारण संबंधों में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख से पूरी तरह से सैनिकों की वापसी हो चुकी है। अब भारत की प्राथमिकता सीमा पर तनाव को और कम करना है।

एनएसए अजीत डोभाल की आगामी चीन यात्रा भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने में एक अहम कदम होगी। यह यात्रा न केवल सीमा पर शांति बनाए रखने में मददगार होगी, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को भी सामान्य बनाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास साबित हो सकती है।

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