नोएडाः उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक वृद्धाश्रम से दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। सेक्टर-55 स्थित 'आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम' में गुरुवार को की गई छापेमारी के दौरान पुलिस और राज्य महिला आयोग की टीम ने 42 बुज़ुर्गों को बेहद अमानवीय परिस्थितियों से बाहर निकाला।
यह आश्रम किसी भी वैध पंजीकरण के बिना वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा था। जांच के दौरान टीम को जो दृश्य देखने को मिले, वे मानवता को झकझोर देने वाले थे। कुछ बुजुर्ग महिलाएं बंधी हुई मिलीं, कई लोग बिना कपड़ों के थे और कई अन्य बुजुर्गों को अंधेरे, दमघोंटू, बेसमेंट जैसे कमरों में बंद रखा गया था।
छापेमारी के दौरान मौजूद उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनााक्षी भाराला ने बताया कि कई बुज़ुर्गों के कपड़े पेशाब और मल से सने हुए थे। एक महिला, जो बेहोशी जैसी हालत में मिली, को आश्रम संचालक द्वारा 'नर्स' बताया गया, लेकिन बाद में सामने आया कि वह महज एक स्कूल पास युवती थी और उसे बिना किसी ट्रेनिंग के वहां काम पर लगाया गया था।
Noida | Uttar Pradesh State Women Commission conducted an inspection at an old-age home in Noida yesterday. They inquired about the well-being of the inmates there.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 27, 2025
(Visual source- Uttar Pradesh State Women Commission) pic.twitter.com/DQlytnlfIb
बिना लाइसेंस संचालित हो रहा था वृद्धाश्रम
जांच में यह खुलासा हुआ कि यह वृद्धाश्रम वर्ष 1994 से संचालित हो रहा था, लेकिन इसका कोई पंजीकरण नहीं कराया गया। यानी कानूनी रूप से यह पूरी तरह अवैध था। आश्रम में रह रहे बुज़ुर्गों के लिए प्रति व्यक्ति 2.5 लाख रुपये का डोनेशन लिया जाता था, साथ ही 20 हजार की सिक्योरिटी और 10,000 रुपये से 12,000 रुपये तक प्रतिमाह भोजन और आवास के नाम पर वसूले जाते थे। इसके बावजूद देखरेख के लिए कोई प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं रखा गया था।
अधिकांश बुज़ुर्गों को खुद ही अपना दैनिक कार्य करना पड़ता था। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई बुजुर्ग संपन्न परिवारों से हैं लेकिन परिजनों ने उन्हें यहां छोड़ दिया।
बांधे मिले बुजुर्ग को लेकर प्रबंधन ने क्या कहा?
जब छापेमारी दल ने बुज़ुर्गों को बांधने की वजह पूछी, तो प्रबंधन ने जवाब दिया कि कई बुज़ुर्ग खुद को नुकसान पहुंचा चुके थे, दूसरों पर गंदगी फेंकते थे, इसलिए उन्हें बांधा गया। लेकिन टीम ने इसे अमानवीय व्यवहार करार दिया।
मीनााक्षी भाराला ने बताया कि आश्रम को अब प्रशासन की मदद से सील किया जाएगा और प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। फिलहाल तीन बुज़ुर्गों को सरकारी वृद्धाश्रम में स्थानांतरित किया गया है, जबकि बाकी को अगले पांच दिनों में अन्य स्वीकृत सरकारी संस्थाओं में शिफ्ट किया जाएगा।