पीएम नरेंद्र मोदी-डोनाल्ड ट्रंप Photograph: (IANS)
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत अपने टैरिफ में कटौती करने के लिए तैयार है। इसी बीच भारत ने कहा कि अबतक अमेरिका से ऐसा कोई वादा नहीं किया गया है। इसको लेकर बातचीत जारी है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को एक संसदीय समिति के सामने ये जानकारी दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बर्थवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावों के बारे में विदेश मामलों की संसदीय समिति को बताया, जिसमें कहा गया था कि भारत अपने शुल्क को ‘काफी कम’ करने के लिए सहमत हो गया है। वहीं विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीन और यूरोप से संबंधित घटनाक्रम के बारे में संसदीय समिति को जानकारी दी।
दोनों देशों के बीच बातचीत जारी: वाणिज्य सचिव
भारत के सीमा शुल्क कम करने पर सहमति जताए जाने वाले ट्रंप के दावे पर कई सांसदों ने चिंता जताई। इस पर वाणिज्य सचिव ने कहा कि कोई व्यक्ति इन दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं कर सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत अभी भी जारी है।
उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार शुल्क के मोर्चे पर किसी भी तरह की प्रतिबद्धता नहीं जताई है। इस दौरान कई सांसदों ने बर्थवाल से अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता पर सवाल पूछे। बर्थवाल ने संसदीय समिति से कहा कि व्यापार वार्ता के दौरान भारत के हितों का ध्यान रखा जाएगा। भारत मुक्त व्यापार के पक्ष में है और व्यापार का उदारीकरण चाहता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही वाणिज्य सचिव ने कहा कि टैरिफ वॉर छिड़ने से अमेरिका समेत किसी को भी लाभ नहीं होगा और यह मंदी की आहट दे सकता है।
चीन को लेकर विदेश सचिव ने क्या बताया?
बर्थवाल ने कहा कि भारत द्विपक्षीय रूप से सीमा शुल्क कम कर सकता है, लेकिन बहुपक्षीय रूप से ऐसा नहीं किया जा सकता है और इसी वजह से द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर काम किया जा रहा है। इस बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को चीन और यूरोप के साथ भारत के संबंधों के बारे में जानकारी दी। मिस्री ने कहा कि दक्षिण-पूर्वी चीन में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध का निर्माण भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि चीन ने अपने बजट में इसके विकास के लिए धनराशि निर्धारित की है।