नागपुरः केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान खुलासा किया कि एक बार एक राजनीतिक नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया क्योंकि उनकी ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं थी।
गडकरी ने कहा, मुझे एक वाकया याद है... मैं नाम नहीं लूंगा। उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, 'अगर आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे। हालांकि, गडकरी ने यह नहीं बताया कि यह बातचीत कब हुई थी। लेकिन उन्होंने साफ किया कि प्रधानमंत्री बनना उनके जीवन का लक्ष्य नहीं है।
गडकरी ने कहा, "मैंने पूछा, आप मुझे क्यों समर्थन देंगे, और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए? प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का उद्देश्य नहीं है। मैं अपने सिद्धांतों और संगठन के प्रति निष्ठावान हूंऔर किसी भी पद के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा क्योंकि मेरे लिए मेरे सिद्धांत सबसे महत्वपूर्ण हैं।"
नितिन गडकरी का नाम 2019 और 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में चर्चाओं में आया था। इस साल फरवरी में हुए इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन सर्वे के अनुसार, आगामी आम चुनावों से पहले गडकरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में सबसे उपयुक्त नेताओं की सूची में तीसरे स्थान पर रखा गया। उनसे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे।
हालांकि, जब 2019 में भी ऐसी चर्चाएं उठीं, तो गडकरी ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि "भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में है।"
मार्च 2019 में गडकरी ने कहा था, "हम सभी उनके [प्रधानमंत्री मोदी] पीछे खड़े हैं। मैं भी उनके दृष्टिकोण को पूरा करने में एक कार्यकर्ता मात्र हूँ। मेरे प्रधानमंत्री बनने का सवाल कहां से आता है? मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूँ, और ऐसा कोई सपना मैं नहीं देखता।"
गडकरी, जिन्होंने नागपुर लोकसभा सीट से तीन बार जीत दर्ज की है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक प्रमुख नेता हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का भी मजबूत समर्थन प्राप्त है। वे 10 साल से अधिक समय से केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जो उन्हें इस पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाला मंत्री बनाता है। इसके अलावा, 2009 से 2013 तक वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।