'राज ठाकरे जनता का साथ नहीं मिलने पर शुरू कर देते हैं गुंडागर्दी', निशिकांत दुबे ने विकिलिक्स का स्क्रीनशॉट किया साझा

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मराठा समाज को सम्मानजनक बताते हुए कहा, “यह देश हम सबका है। जहां मैं सांसद हूं, वहां से मराठा मधुलिमये जी तीन बार सांसद रहे। ठाकरे होश में आएं। यह लड़ाई मराठा अस्मिता से न जोड़ें।

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राज ठाकरे और निशिकांत दुबे। फोटोः AI

मुंबईः महाराष्ट्र में हिंदी बोलने वालों पर हालिया हमलों को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब ठाकरे को जनता का साथ नहीं मिलता, तो वे गुंडों को आगे कर हिंसा फैलाते हैं।

निशिकांत दुबे ने 2007 में बिहारी छात्रों पर हुए हमले का विकीलीक्स का एक कथित स्क्रीनशॉट साझा किया और आरोप लगाया कि ठाकरे सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं। उन्होंने लिखा, "जब जनसमर्थन नहीं मिलता, तो गुंडागर्दी ही एकमात्र हथियार बन जाता है। मुंबई नगर निगम चुनाव हारने के डर से ये सब किया जा रहा है।"

भाजपा नेता ने मराठा समाज को सम्मानजनक बताते हुए कहा, “यह देश हम सबका है। जहां मैं सांसद हूं, वहां से मराठा मधुलिमये जी तीन बार सांसद रहे। ठाकरे होश में आएं। यह लड़ाई मराठा अस्मिता से न जोड़ें। हम सबने मुंबई के विकास में योगदान दिया है और आगे भी देंगे।”

निशिकांत दुबे के अलावा एनसीपी (एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी राज ठाकरे पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका के वोटों को ध्यान में रखकर ऐसे हालात पैदा करने का आरोप लगाया। निशिकांत दुबे के पोस्ट पर विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "कोई हिंदीभाषियों को टारगेट नहीं कर रहा है। अगर कुछ लोग ऐसी हरकत कर रहे हैं तो पूरे मराठी समाज को इसके अंतर्गत नहीं गिनना चाहिए। यह जानबूझकर किया जा रहा है। ऐसा करने वालों की मंशा ही यह है कि मुंबई में मराठी और गैर-मराठियों के बीच झगड़ा हो। बृहन्मुंबई महानगरपालिका के वोटों को ध्यान में रखकर ऐसा किया जा रहा है।"

राज ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि अगर कोई मराठी न बोले और बहस करे, तो उसे कान के नीचे मारो, लेकिन वीडियो मत बनाओ। इस पर भाजपा सांसद ने तीखा जवाब देते हुए कहा, “अगर तुम इतने बड़े बॉस हो, तो महाराष्ट्र से बाहर निकलो। यूपी, बिहार, तमिलनाडु आओ – तुमको पटक-पटक के मारेंगे। यह अराजकता नहीं चलेगी।”

इससे पहल भाजपा सांसद ने ठाकरे को यह भी चुनौती दी कि अगर हिम्मत है, तो वे उर्दू, तमिल या तेलुगु बोलने वालों को भी पीटें। उन्होंने कहा, "अगर तुममें इतनी हिम्मत है और हिंदी बोलने वालों को पीटते हो, तो तुम्हें उन सभी को भी पीटना चाहिए जो उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलते हैं। अगर तुम इतने बड़े 'बॉस' हो, तो महाराष्ट्र से बाहर आओ, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु आओ - 'तुमको पटक-पटक के मारेंगे'। यह अराजकता नहीं चलेगी।"

निशिकांत दुबे के बयान पर विपक्ष ने क्या कहा?

निशिकांत दुबे के बयान की महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कड़ी निंदा की। नाना पटोले ने कहा कि निशिकांत दुबे की टिप्पणी भाजपा की असली सोच को उजागर करती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "आपकी ही पार्टी की सरकार महाराष्ट्र में है, मुख्यमंत्री भी आपका है। फिर भी आप ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो मराठी भाषा और संस्कृति का अपमान है। भाजपा हर राज्य में अलग रंग बदलती है। मध्य प्रदेश में कुछ और केरल में कुछ और कहती है। गोवा में उनके मंत्री बीफ खाते पाए जाते हैं। इस पार्टी में कोई विचारधारा नहीं, सिर्फ सत्ता की भूख है।"

शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी निशिकांत के बयान पर कहा कि वह न तो बिहार, न उत्तर प्रदेश और न ही हिंदी भाषा के प्रतिनिधि हैं, बल्कि केवल बीजेपी की "तोड़ो-फोड़ो, राज करो" की विचारधारा का प्रतीक हैं।

आदित्य ठाकरे ने कहा कि बीजेपी और निशिकांत दुबे की ओर से दिए गए बयान सोची-समझी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जो समाज को बांटने का काम करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हार के डर से हिंदू-मुस्लिम या जातिगत मुद्दों को हवा देती है।

उन्होंने बिहार के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि निशिकांत दुबे को वहां की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उनकी नीतियां और बयान महाराष्ट्र के प्रति नफरत और द्वेष को दर्शाती है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बदलाव की लहर है और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने महाराष्ट्र की एकता पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य पूरे देश से आए लोगों का स्वागत करता है।

निशिकांत का मराठी जनता के लिए नहीं था बयानः देवेंद्र फड़नवीस

निशिकांत के बयान पर उपजे विवाद के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इसपर सफाई दी। भाजपा सांसद के 'पटक के मारेंगे' वाले बयान पर कहा कि दुबे का बयान मराठी लोगों के लिए नहीं, बल्कि उन संगठनों को लेकर था जो भाषा विवाद को हवा दे रहे हैं।

फड़नवीस ने कहा, "मराठी समाज का देश की संस्कृति और आजादी में ऐतिहासिक योगदान है। ऐसे बयान लोगों में भ्रम पैदा कर सकते हैं, इसलिए इस तरह की टिप्पणी से बचना चाहिए।" उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान देता है और मराठी लोगों की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता।

29 जून को ठाणे के मीरा रोड इलाके में मनसे कार्यकर्ताओं ने एक मिठाई दुकानदार बाबूलाल चौधरी को सिर्फ इसलिए पीटा क्योंकि उसका कर्मचारी हिंदी में बात कर रहा था। घटना का वीडियो वायरल हुआ।बाबूलाल की शिकायत पर सात अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई और पुलिस अब चार्जशीट दाखिल कर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इसके बाद, मुंबई के वर्ली में निवेशक सुशील केडिया के दफ्तर पर भी हमला हुआ, क्योंकि उन्होंने ठाकरे के बयानों पर सवाल उठाया था। इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया।

 

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