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कोझिकोडः केरल में निपाह वायरस से मौतों का सिलसिला शुरू हो चुका है। अब तक राज्य में निपाह वायरस से संक्रमित कई मरीज मिल चुके है। इस बीच, निपाह वायरस से एक 14 वर्षीय किशोर की मौत हो गई है। इसकी जानकारी रविवार केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने ने दी। वीणा जॉर्ज के अनुसार, लड़के को सुबह 10.50 बजे दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उसे बचाया नहीं जा सका।
निपाह वायरस से संक्रमित मरीज केरल के मलप्पुरम जिले का रहने वाला था। पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) द्वारा किए गए परीक्षण में उसके निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उसमें तीव्र मस्तिष्क ज्वर (एईएस) के लक्षण दिखने बाद पहले पेरिनथालमन्ना में एक स्वास्थ्य सुविधा में भर्ती कराया गया था और बाद में कोझीकोड के एक उच्च स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया। वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था।
The #Kerala teen, who was infected with #NipahVirus , dies in #Kozhikode govt hospital, while undergoing treatment.
The 14-year-old boy from Kerala’s Malappuram district, who tested positive for the #Nipah virus, died at the government medical college hospital in Kozhikode on… pic.twitter.com/DBJKaLrEFm
— Surya Reddy (@jsuryareddy) July 21, 2024
निपाह वायरस से केरल में हुई मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हुआ सक्रिय
रविवार सुबह पेशबा आना कम हो गया था बाद में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। मृतक का अंतिम संस्कार WHO के प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाएगा।
इस मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल सरकार को सक्रिय मामले की खोज और संपर्क ट्रेसिंग सहित निम्नलिखित स्वास्थ्य उपायों को लागू करने की सलाह दी है।
केरल स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, निपाह वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किए गए चार लोगों को "उच्च जोखिम श्रेणी" में रखा गया है और उनका इलाज मंजेरी मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है। वर्तमान में, मलप्पुरम जिले का पांडिक्कड़ केरल में निपाह वायरस का केंद्र है।
राज्य सरकार को पुष्टि हुए मामले के परिवार, पड़ोस और इसी तरह के भौगोलिक इलाकों में संभावित मामलों की सक्रिय खोज करने की सलाह दी गई है। राज्य को पिछले 12 दिनों में पुष्टि हुए मामले के संपर्कों का पता लगाकर उनके लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए और वायरस के आगे फैलाव को रोकना चाहिए।
सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, मरीजों से ना मिलने की सलाह
स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने एक सलाह में उपरिकेंद्र के इलाके और आस-पास के अस्पतालों के लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और अस्पतालों में मरीजों से मिलने से बचने के लिए कहा।
वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार की मदद करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विशेष टीम को राज्य में भेजा जाएगा। यह टीम इस मामले की जांच करेगी, बीमारी कैसे फैली इसकी जानकारी जुटाएगी और राज्य सरकार को सलाह देगी।
इसी तरह, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मरीजों के इलाज के लिए दवाइयाँ भेजी हैं। साथ ही, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के सैंपल जांचने के लिए एक मोबाइल प्रयोगशाला भी कोझीकोड पहुंची है। हालांकि, बच्चे की तबीयत बहुत खराब होने की वजह से उसे दवाई नहीं दी जा सकी।
संक्रमित मरीजों को अलग-थलग किया जाए
सलाह के अनुसार, पुष्टि हुए मामले के संपर्कों को सख्ती से क्वारंटाइन किया जाना चाहिए और जिन संदिग्धों में लक्षण दिखाई देते हैं, उन्हें वायरस को रोकने के लिए अलग-थलग कर दिया जाना चाहिए। संभावित संपर्कों और संदिग्धों के नमूने एकत्र करके प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे जाने चाहिए ताकि शुरुआती पता लगाने और कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
केरल में निपाह वायरस का प्रकोप पहले भी हो चुका है, सबसे हालिया प्रकोप 2023 में कोझिकोड जिले में हुआ था। यह वायरस मुख्य रूप से फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है। और चमगादड़ों से संक्रमित फलों के सेवन से मनुष्य संक्रमित हो सकता है।
Prevention is better than cure.#NipahVirus pic.twitter.com/t50oZtTcPq
— TARA CHAND (@tarachand615) July 21, 2024
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को फलों को अच्छी तरह से धोकर खाने और खुले कंटेनर में रखे ताड़ी जैसे पेय पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दी है।