नाइजर में आतंकवादी हमला: दो भारतीयों की हत्या, एक का अपहरण; सरकार और दूतावास सक्रिय

हमले में मारे गए दो भारतीयों में से एक की पहचान गणेश कर्माली (39), बोकारो, झारखंड के निवासी के रूप में हुई है। दूसरा मृतक, कृष्णन, दक्षिण भारत के किसी राज्य से थे, जबकि अगवा किए गए रंजीत सिंह, जम्मू-कश्मीर के निवासी बताए जा रहे हैं।

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Photograph: (Freepik)

नाइजर के डोसो क्षेत्र में 15 जुलाई को हुए एक भीषण आतंकवादी हमले में दो भारतीय नागरिकों की दर्दनाक हत्या कर दी गई, जबकि एक अन्य भारतीय का अपहरण कर लिया गया। यह घटना राजधानी नियामे से लगभग 130 किलोमीटर दूर एक निर्माण स्थल पर हुई, जहां अज्ञात बंदूकधारियों ने सेना की एक इकाई पर हमला कर दिया।

भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा, "डोसो क्षेत्र में हुए इस जघन्य हमले में दो भारतीयों की जान गई और एक को अगवा कर लिया गया है। हम मृतकों के पार्थिव शरीर स्वदेश लाने के लिए नाइजर की स्थानीय सरकार से समन्वय कर रहे हैं और अपहृत भारतीय की सुरक्षित रिहाई के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं।"

मृतकों और घायल भारतीयों की पहचान

हमले में मारे गए दो भारतीयों में से एक की पहचान गणेश कर्माली (39), बोकारो, झारखंड के निवासी के रूप में हुई है। दूसरा मृतक, कृष्णन, दक्षिण भारत के किसी राज्य से थे, जबकि अगवा किए गए रंजीत सिंह, जम्मू-कश्मीर के निवासी बताए जा रहे हैं। तीनों ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड नामक कंपनी में कार्यरत थे, जो इस निर्माण परियोजना में लगी थी।

गणेश कर्माली के बहनोई प्रेमलाल कर्माली इस हमले में घायल हुए हैं और वर्तमान में नाइजर पुलिस की सुरक्षा में हैं। उनके साथ झारखंड के चार अन्य मजदूर भी हैं, जो अब वापस भारत लौटना चाहते हैं।

झारखंड श्रम विभाग की प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष प्रमुख शिखा लकड़ा ने पुष्टि की कि कर्माली की मौत आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई गोलीबारी में हुई। उन्होंने कहा, "मृतकों के शवों को भारत लाने और अन्य श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।"

गणेश कर्माली की बेटी सपना कुमारी (20) ने बताया कि उनके पिता ने कंपनी से 40 लाख रुपये के बीमा का आश्वासन दिया था, लेकिन अब केवल 12 लाख रुपये मुआवज़े की बात कही जा रही है। उसने मीडिया से कहा, "हमें अब तक कंपनी की तरफ से कोई सीधा संपर्क नहीं मिला है, सिर्फ ठेकेदार बात कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारे पिता के शव को सम्मानपूर्वक वापस लाया जाए और हमें न्याय मिले।"

असुरक्षित होता डोसो इलाका

नाइजर के डोसो क्षेत्र में हाल के वर्षों में चरमपंथी हिंसा में तीव्र वृद्धि हुई है। यह इलाका नाइजीरिया और बेनिन की सीमा से सटा है और यहाँ तेल पाइपलाइन जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बार-बार निशाना बनाया गया है। नाइजर फिलहाल 2023 के सैन्य तख्तापलट के बाद सैन्य शासन में है और पिछले एक दशक से अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े जिहादी समूहों की हिंसा से जूझ रहा है।

इससे पहले 25 अप्रैल को पास के साकोइरा कस्बे में हुए हमले में 5 भारतीय तकनीशियन अगवा कर लिए गए थे और 12 नाइजीरियाई सैनिक मारे गए थे। भारतीय दूतावास ने नाइजर में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी की है और उन्हें अत्यधिक सतर्क रहने की सलाह दी है।

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