पहलगाम अटैक में NIA के हाथ लगे सुराग, पाकिस्तान को बेनकाब करने वाले सबूत मिले

NIA की रिपोर्ट में आतंकी हमले में OGW की भूमिका के बारे में बताया गया है।  शुरुआती जांच रिपोर्ट में एनआईए ने करीब 150 लोगों के बयान ऑन रिकॉर्ड दर्ज किए हैं।

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Photograph: (IANS)

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का कनेक्शन बेनकाब हो सकता है। इस दिशा में जांच एजेंसी एनआईए को बड़ी कामयाबी मिल गई है। बताया जा रहा है कि पहलगाम आतंकी हमले की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार हो गई है।  इस जांच रिपोर्ट में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी की साजिश के सबूत मिले हैं।  पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था।  इस हमले में 26 टूरिस्टों की हत्या की गई थी। 

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया की आतंकियों ने हथियार बेताब घाटी में छुपाए थे।  जो घटना वाली जगह से 10 किलोमीटर दूर है।  यहां हथियार छिपाने से पहले आतंकियों ने रैकी भी की थी।  प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में OGW का ज़िक्र भी किया गया है।  इस रिपोर्ट में आतंकी हमले में OGW की भूमिका के बारे में बताया गया है।  शुरुआती जांच रिपोर्ट में एनआईए ने करीब 150 लोगों के बयान ऑन रिकॉर्ड दर्ज किए हैं। मैपिंग और रिक्रिएशन के शुरुआती रिपोर्ट भी इस प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का हिस्सा हैं।  हमले के बाद से ही एनआईए की टीम पहलगाम में मौजूद है।  इस समय एनआईए के डीजी भी पहलगाम दौरे पर हैं। डीजी एनआईए उन अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग कर रहे हैं जो पहलगाम हमले की जांच से जुड़े हुए हैं। 

OGW की भूमिका 

पाकिस्तानी आतंकियो को मदद पहुंचाने में Over Ground Workers (OGW) की भूमिका सामने आई है।  ये स्थानीय लोग होते हैं, जो आतंकवादियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट, जानकारी, मार्गदर्शन और छिपने की जगह देते हैं।  पहलगाम जांच में 150 से अधिक लोगों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं।  OGW के संपर्क और सहयोगियों की सूची तैयार की गई है।  उनके खिलाफ प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 

जांच टीम ने बैसरन घाटी में हमले की 3D मैपिंग और घटनाक्रम का रिक्रिएशन किया गया।  इससे ये पता लगाने में  मदद मिली कि हथियार बेताब घाटी में छुपाए गए थे।  फॉरेंसिक सबूत इकट्ठा किए गए, जिसमें खाली कारतूस शामिल है।  इसे जांच के लिए Forensic Science Lab भेजा गया है।  एनआईए के महानिदेशक (DG) की अगुवाई में तैयार की गई यह रिपोर्ट जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दी जाएगी।  इसके आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कार्रवाई की जाएगी।  UN और FATF जैसे संगठनों में सबूत पेश किए जा सकते हैं। 

22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ था हमला

कश्मीर के पहलगाम स्थित बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था।  इसमें 26 पर्यटक मारे गए थे।  इसमें एक नेपाल का टूरिस्ट भी शामिल था।  आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मारी थी।  हमले की जिम्मेदारी पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, हालांकि बाद में इससे मुकर गया था।  टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी लेने के चार दिन बाद कहा था कि उसका इस हमला से कोई लेना देना नहीं है।  घटना के समय उसके सोशल मीडिया हैंडल हैक कर लिए गए थे।  जहां इसकी जिम्मेदारी ली गई थी। 

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