पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने वाले CRPF कर्मी को NIA ने किया गिरफ्तार

NIA ने पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने वाले CRPF कर्मी को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने कहा है कि 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के साथ जानकारी साझा कर रही थी।

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एनआईए ने सीआरपीएफ कर्मी को किया गिरफ्तार Photograph: (NIA)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सीआरपीएफ के कर्मी को पाकिस्तान की खुफिया अधिकारियों के साथ कथित तौर पर संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आतंक-निरोधक एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि मोती राम जाट पाकिस्तान के लिए जासूसी गतिविधियों में संलिप्त थे और 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था। 

ये जानकारी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

एजेंसी ने अपने बयान में कहा "आरोपी मोती राम जाट जासूसी गतिविधियों में संलिप्त थे और 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा कर रहे थे।"

दिल्ली से हुई गिरफ्तारी

मोती राम जाट को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है और छह जून तक एनआईए कस्टडी में रखा जाएगा। एजेंसी ने आगे कहा कि मामले में पूछताछ अभी जारी है। 

गौरतलब है कि पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और धरपकड़ तेज कर दी है। 

इसी सिलसिले में बीते दिनों यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया था। इस महीने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों को पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के साथ कथित तौर पर जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और पूछताछ जारी है। 

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के एक कर्मचारी दानिश के साथ संपर्क में थी। ज्योति एक ट्रैवल व्लॉगर हैं जो 'ट्रैवल विद जो' नाम से यूट्यूब चैनल चलाती हैं। यूट्यूब पर उनके तीन लाख 77 हजार सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं, इंस्टाग्राम पर भी 1 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। 

दानिश को हाल ही में भारत सरकार ने पर्सोना नॉन ग्राटा यानी अवांछित करार दिया था और हाल ही में उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा गया था। 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमला हुआ था जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंट फ्रंट नामक संगठन ने ली थी। यह संगठन संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। 

इस हमले के बाद से सुरक्षा एजेसियों ने जांच अभियान तेज किया है और कई लोगों को पकड़ा है। पकड़े गए लोगों पर ऐसा संदेह है कि इन्होंने पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की है। 

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