'बोर्ड लगवा दें गंगा जल न पीने लायक, न नहाने लायक', NGT ने वाराणसी डीएम को लगाई फटकार

जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी की दो-सदस्यीय पीठ ने साफ तौर पर कहा कि सरकारी अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार काम करते हैं। पीठ ने सरकार के वकील पर भी नाराजगी जाहिर की।

एडिट
'बोर्ड लगवा दें गंगा जल न पीने लायक, न नहाने लायक', NGT ने वाराणसी डीएम को लगाई फटकार

फाइल फोटोः IANS

वाराणसीः राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने गंगा नदी के प्रदूषण और असी-वरुणा नदियों की दुर्दशा पर कड़ी टिप्पणी की। इस मामले में सुनवाई के दौरान एनजीटी ने वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम से तीखे सवाल पूछे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए जिलाधिकारी से एनजीटी के न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विषय विशेषज्ञ ए. सेंथिल की दो-सदस्यीय पीठ ने पूछा, "क्या आप गंगा का जल पी सकते हैं?"

नदियों के किनारे अतिक्रमण और इसकी दुर्दशा को लेकर न्यायाधीश अरुण कुमार त्यागी ने जिलाधिकारी से पूछा, आपका कब से कार्यकाल है। डीएम ने इसपर कहा कि नवंबर 2022 से हम यहां पर हैं। न्यायाधीश ने कहा कि दो साल हो गए, आपने क्या किया। क्या वाराणसी में गंगा नदी का पानी पी सकते हैं। क्यों नहीं आप वहां बोर्ड लगवा देते हैं कि गंगाजी का पानी पीने और नहाने योग्य नहीं है।

डीएम ने इसपर कहा कि बहुत सारी चीजें हमारे अंडर में नहीं होती। हम शासन के आदेशों के अनुपालन में काम कर रहे हैं। इसपर पीठ ने कहा कि इसके लिए आप असहाय महसूस मत करिए। आपके पास पावर है आप अपनी शक्तियों का उपयोग करिए और एनजीटी के आदेशों का पालन सुनिश्चित करें।

जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी की दो-सदस्यीय पीठ ने साफ तौर पर कहा कि सरकारी अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पीठ ने सरकार के वकील पर भी नाराजगी जाहिर की। पीठ ने कहा कि आप ऐसे लोगों का बचाव कर रहे हैं, जिनका बचाव किया ही नहीं जा सकता।

2021 के आदेशों पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी

सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी ने पहले ही 21 नवंबर 2021 को वरुणा और अस्सी नदियों के ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमण पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। कार्रवाई न होने पर उन्होंने इस वर्ष जुलाई में अनुपालन याचिका दाखिल की। सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अनुपस्थिति के कारण विस्तृत सुनवाई नहीं हो पाई। अगली सुनवाई 13 दिसंबर को तय हुई है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article