प्रयागराज: प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक को लेकर यूपी सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक, प्रदेश में अब आयोजित होने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले में परीक्षा केंद्र नहीं दिए जाएंगे। यह बदलाव राज्य के सभी भर्ती आयोगों, बोर्ड और अन्य भर्ती संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं पर लागू होगा। हालांकि दिव्यांग अभ्यर्थियों को उनके अपने जिले में परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे।
गौरतलब है कि पुलिस भर्ती परीक्षा से लेकर आरओ- एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद राज्य सरकार की इस मामले में जमकर फजीहत हुई है। इस कारण सरकार ने 14 बिंदुओं वाली नए दिशानिर्देश तैयार किए है। इसमें प्रश्न पत्र तैयार करने से लेकर उसकी छपाई, परीक्षा केंद्र निर्धारण समेत हर स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं।
नए नियमों के मुताबिक, एक से अधिक जनपद में परीक्षा आयोजित होने पर पुरुष अभ्यर्थियों को उनके गृह मंडल में केंद्र नहीं दिया जाएगा। उन्हें उनके गृह मंडल के निकटवर्ती किसी अन्य मंडल के जिले में केंद्र आवंटित किया जाएगा। महिला अभ्यर्थियों को भी उनके गृह जनपद में केंद्र नहीं दिया जाएगा। हालांकि उन्हें मंडल से बाहर भी नहीं भेजा जाएगा। उन्हें दूसरे जिले में केंद्र आवंटित किया जाएगा।
आधे घंटे पहले रैंडम आधार पर परीक्षा कक्ष आवंटन
परीक्षा केंद्रों का आवंटन रैंडम आधार पर किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक ही स्थान के परीक्षार्थी एक ही केंद्र में परीक्षा न दे सकें। परीक्षा केंद्र में प्रवेश से आधे घंटे यानी 30 मिनट पहले स्टैटिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में रैंडम आधार पर कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा कक्ष आवंटित किए जाएंगे। अगर किसी परीक्षा केंद्र पर कक्ष निरीक्षकों की कमी होती है तो डीएम के आदेश के बाद कम से कम 50 प्रतिशत स्टाफ परीक्षा केंद्र के बाहर के शासकीय स्टाफ को रखा जाएगा।
परीक्षा केंद्र पर तैनात कर्मचारियों की सघन तलाशी
परीक्षार्थियों के साथ-साथ परीक्षा केंद्र पर तैनात कर्मचारियों की भी सघन तलाशी ली जाएगी। परीक्षा पूर्ण होने से पहले किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, महिला परीक्षार्थियों की तलाशी के लिए महिला कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
दो प्रेस में छपेंगे पेपर, मल्टीपल सीरीज में होंगी ओएमआर शीट
गाइडलाइन के अनुसार, प्रत्येक भर्ती परीक्षा के प्रत्येक पाली के लिए कम से कम दो प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे। दोनों प्रश्न पत्रों को दो अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस में छपवाया जाएगा। कौन सा प्रश्न पत्र उपयोग में लाया जाएगा इसका निर्धारण परीक्षा वाले दिन या परीक्षा शुरू होने से अधिकतम पांच घंटे पूर्व किया जाएगा। इसके अलावा ओएमआर शीट अब ए, बी, सी सीरीज में नहीं, बल्कि मल्टीपल सीरीज में होंगी। परीक्षा केंद्रों में सख्त निगरानी रखी जाएगी। माना जा रहा है कि जाता है कि दो प्रश्न पत्र और मल्टीपल सीरीज ओएमआर शीट का उपयोग परीक्षा में नकल को रोकने में मदद करेगा।
दो परीक्षार्थी बनेंगे साक्षी, सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर
परीक्षा कक्ष के अंदर प्रश्न पत्रों और ओएमआर शीट के सील पैकेट खोलते समय कम से कम दो परीक्षार्थियों से हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो साक्षी के रूप में होंगे। वहीं, परीक्षा का सीसीटीवी के जरिए लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी, जिसे पर्यवेक्षणीय अधिकारी की निगरानी में किया जाएगा। इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। एक दिन में दो पालियों में परीक्षा होने पर प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका को परीक्षा केंद्र पर दोनों पालियों के लिए अलग-अलग लाया जाएगा।